पंचतत्व में विलीन हुए शहीद रुचिन रावत, नम आंखों से दी लोगों ने अंतिम विदाई

चमोली: ऑपरेशन त्रिनेत्र के दौरान दुश्मन का सामना करते हुए उत्तराखण्ड का एक और लाल देश के लिए शहीद हो गया, जम्मू कश्मीर के राजौरी में भारत के 5 लाल शहीद हुए , जिसमें उत्तराखंड से रूचिन रावत भी थे। जिनके पार्थिव शरीर राजौरी से जोलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून पहुचा जिसके बाद सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव कुनिगाड के लिए सेना के जवानों द्वारा सैन्य सम्मान से लाया गया। जहां परिजनों ने शहीद को अंतिम विदाई दी, वहीं शहीद की अंतिम  सव यात्रा में लोगों का जनसैलाव उमड पडा।

देश की रक्षा करते करते उत्तराखण्ड का लाल शहीद हो गया, गैरसैण ब्लॉक के दूरस्थ गांव कुनिगाड मल्ली के रहने वाले रुचिन देश सेवा का जज्बा लिए बड़े सपनो के साथ 2009 में सेना में भर्ती हुए और रुचिन रावत ऑपरेशन त्रिनेत्र के दौरान आतंकी हमले में शहीद हो गए, रुचिन के अलावा 4 अन्य जवान शहीद हो गए, शहीद की खबर गांव पहुंचते ही घर और गांव का माहौल मातम में बदल गया। पूरा क्षेत्र शोक की लहर में डूब गया। रुचिन का पार्थिव शरीर राजौरी से जोलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून पहुचा जिसके बाद सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव कुनिगाड के लिए सेना के जवानों द्वारा सैन्य सम्मान से लाया गया। पार्थिव शरीर के गैरसैंण पहुंचने पर रास्ते में लोगों ने फूलों से रुचिन के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। जिस जगह से सेना के जवान का पार्थिव शरीर को लेकर गुजरे वहाँ रुचिन की शहादत पर रुचिन अमर रहे के नारों से गुंजायमान हो गया। जैसे ही रुचिन का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा परिवार के सदस्यों का रो रो का बुरा हाल हो गया,  रुचिन अपने पीछे पत्नी और चार साल के बेटे हर्षित समेत माता पिता, दादा दादी का भरा पूरा परिवार छोड़ गया। रुचिन के भाई का कहना है कि उन्होंने अपना भाई खोया जरूर है लेकिन उनकी शहादत पर पुरे देश को और परिवार को गर्व है।

वहीं कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है, और यहां हर घर में सैनिक है, उन्होंने रूचिन की शहादत पर कहा कि परिवार का सदस्य बिछड़ा है, इसका तो सबको दुख है, लेकिन उनकी शहादत पर सबको गर्व है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *