- राजकीय सम्मान से किया गया अंतिम संस्कार
- 38 साल बाद पंचतत्व में विलीन सियाचिन के हीरो चंद्रशेखर
- हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद चंद्रशेखर को दी भावभीनी विदाई
हल्द्वानी: 1984 में सियाचिन में आपरेशन मेघदूत के दौरान शहीद हुए लांसनायक चन्द्रशेखर हर्बोला के पार्थिव शरीर के घर पर पहुंचते ही पूरा माहौल गमगीन सा हो गया, शहीद चंद्रशेखर हर्बोला की पत्नी शांति देवी अपने पति के पार्थिव शरीर को देखकर रो पड़ी और उस समय का माहौल पूरी तरह से भावुक हो गया, वहां मौजूद तमाम लोगों की आंखों में गम के आंसू तो शहीद की शहादत पर गर्व देखने को मिला।
चित्रशिला घाट रानीबाग में शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हरबोला की दोनों बेटियां कविता और बबीता ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोग घाट पर मौजूद रहे। सेना, प्रशासन और पुलिस के जवानों ने शहीद को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम धामी, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, गणेश जोशी और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी शहीद के परिजनों से मुलाकात की।