शहीद जवान प्रवीन सिंह गुसाईं पंचतत्व में विलीन, गांव पुंडोली में नम आंखों से दी विदाई

देहरादून: जम्मू कश्मीर के शोपियां में शहीद हुए टिहरी जिले के शहीद प्रवीन सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पुंडोली लाया गया। यहां शहीद को अन्तिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। प्रवीन सिंह अमर रहे के जयकारे लगाए गए। वहीं लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ भी भारी गुस्सा देखा गया। शहीद प्रवीन का सैन्य सम्मान के साथ पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर घनसाली और टिहरी के विधायक भी मौजूद रहे।

बृहस्पतिवार तड़के सेना को शोपियां जिले के पतितुहलान और छोटीपुरा के बीच आतंकियों के छिपे होने सूचना मिली थी। आतंकियों की धरपकड़ के लिए राष्ट्रीय राइफल की टुकड़ी ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सेना की टुकड़ी सेधाऊ बाजार पहुंची तो वहां अचानक धमाका हो गया। धमाके में गढ़वाल राइफल के जवान प्रवीन सिंह (32) पुत्र प्रताप सिंह निवासी ग्राम पुंडोली पट्टी, नैलचामी भिलंगना के साथ कई अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल सैनिकों को श्रीनगर ले जाया गया और वहां से उन्हें एयर एंबुलेंस से सैन्य अस्पताल उधमपुर ले जाया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान प्रवीन सिंह शहीद हो गए। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी जीएस चंद ने बताया कि शहीद का पार्थिव शरीर शुक्रवार देर शाम को विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाया गया। रिटायर हवलदार प्रताप सिंह गुसाईं ने नम आंखों से अपने बेटे को मुखाग्नि दी। दरअसल, प्रताप सिंह गुसाईं के बड़े बेटे जापान के एक होटल में कार्यरत हैं। जो समय पर नहीं पहुंच पाए। जिसके बाद रिटायर पिता ने ही अपने छोटे बेटे को मुखाग्नि दी।

बता दें कि प्रवीण सिंह की पत्नी अमिता गुसाईं और छह साल का बेटा वंश देहरादून में रहते हैं, जबकि पिता प्रताप सिंह और मां दीपा देवी गांव में ही रहते हैं। शहीद प्रवीण का बड़ा भाई प्रदीप जर्मनी में नौकरी करता है। विगत 15 मई को प्रवीण छुट्टी लेकर गांव आए थे और 23 मई को वापस चले गए थे। इस दौरान वह महेंद्र देवता की पूजा में शामिल हुए थे। वह गांव में शादी समारोह में भी शामिल हुए थे। उन्‍होंने जल्‍द गांव आने का वादा भी किया। वहीं प्रवीण सिंह को श्रद्धांजलि देने और शोक में शनिवार को घनसाली बाजार पूरी तरह से बंद रहा।

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