देवभूमि उत्तराखंड खुद में कई तरह के रहस्य छिपाए हुए है। यहां कण कण में देवों का वास है। देवभूमि उत्तराखंड में कई ऐसे मंदिर हैं जहां कई तरह के रहस्य छिपे हैं। इन्हीं में से एक मंदिर है लाटू देवता का मंदिर। यह देवभूमि का प्रसिद्ध सिद्धपीठ है। यहां मंदिर के अंदर भक्तों को जाने की इजाजत नहीं है। यहां तक कि पुजारी भी मंदिर के भीतर आंख और मुंह बंद करके पूजा अर्चना करते हैं।
आखिर क्या है रहस्य?
मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में नागराज अद्भुत मणि के साथ रहते हैं। इसे आम लोग नहीं देख सकते हैं। यही नहीं, पुजारी भी अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर पूजा करते हैं ताकि वह महान रूप देखकर डर न जाएं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि मणि की तेज रोशनी से इंसान अंधा भी हो सकता है। यही नहीं, पुजारी के मुंह की गंध तक देवता तक नहीं पहुंचनी चाहिए और नागराज की विषैली गंध पुजारी की नाक तक पहुंचनी चाहिए।
मंदिर के दरवाजे साल में एक बार वैशाख महीने की पूर्णिमा के मौके पर खुलते हैं। कपाट खुलने के वक्त भी मंदिर का पुजारी अपनी आंख और मुंह पर पट्टी बांधता है।
कपाट खुलने के बाद श्रद्धालु देवता के दर्शन दूर से ही करते हैं। इस मंदिर में विष्णु सहस्रनाम और भगवती चंडिका पाठ का आयोजन होता है। वहीं, मार्गशीर्ष अमावस्या को कपाट बंद होते हैं।