देहरादून: आज यानी सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल की देहरादून में रैली थी। रैली में भीड़ ही मायने रखती है और भीड़ के मामले में अरविंद केजरीवाल ने बाजी मार ली। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों को वो चुनौती दे गए।
अरविंद केजरीवाल की रैली भीड़ के मामले में किसी भी तौर पर मोदी की रैली से कमतर नहीं थी। राहुल गांधी की रैली भीड़ के नज़रिए से नंबर वन रही। लेकिन देखना ये होगा कि ये भीड़ वोट में ताब्दील होगी या नहीं, ये विषय तीनों ही दलों के लिए चिंतन का है।
सबसे बड़ी बात ये है कि केजरीवाल इस मायने में इतिहास बना गए कि कभी उत्तराखंड में किसी तीसरे दल की रैली में इतनी भीड़ कभी न जुट पाई। आप पार्टी तो पहली बार में ही ऐसा इतिहास बना गयी। कांग्रेस और बीजेपी के मुकाबले अगर केजरीवाल की भीड़ 20 % भी होती तो भी ये बहुत बड़ी बात थी, लेकिन यहां तो मुकाबला बराबर का हो गया जो बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर गये।
बहरहाल, केजरीवाल सिर्फ भीड़ नहीं दिखा गए बल्कि कई वोटबैंक भी साध गए।
फौजी वोट बैंक को इन घोषणाओं से साधा। घोषणा की कि अगर कोई भी उत्तराखंड का लाल फौज, पुलिस या पैरा मिलिट्री का शहीद होता है तो उसके परिवार को 1 करोड़ की सम्मान राशि देंगे। अगर फौज का नौजवान 35 साल में रिटायर होता है तो उसको सरकारी नौकरी देंगे। दूसरी तरफ फ्री बिजली की बात दोबारा दोहराई। साथ ही रोजगार देने का पुराना वादा। बेरोजगार को भत्ता।