जोशीमठ आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित, सेना ने खाली कराई कॉलोनी…

जोशीमठ: जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से लोगों पर खतरा बढ़ता जा रहा है। सरकार ने जोशीमठ शहर में जानमाल की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है। शहर के लगभग डेढ़ किलोमीटर के भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है। जोशीमठ का अध्ययन कर लौटी विशेषज्ञ समिति की संस्तुतियों के आधार पर देर शाम यह कदम उठाया गया।

समिति ने ऐसे भवनों को गिराए जाने की सिफारिश की है, जो पूरी तरह से असुरक्षित हैं। प्रभावित परिवारों के लिए फेब्रिकेटेड घर बनाए जाएंगे। समिति के अध्यक्ष और सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा के मुताबिक, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) 10 जनवरी तक इसके डिजाइन देगा और वेंडर भी बताएगा। साथ वह जोशीमठ में बने भवनों का अध्ययन करेगा और वहां किस तरह के भवन बनाए जा सकते हैं, इस बारे में अपनी रिपोर्ट देगा।

वहीं दूसरी ओर जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते कॉलोनी खाली कराई गई है। जोशीमठ में भू धंसाव के चलते सेना ने किराए के घर में रहने वाले अपने जवानों को अपने कैंपों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। जोशीमठ में भारतीय सेना की बिग्रेड और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की एक बटालियन तैनात है।

 

आपको बता दें कि जोशीमठ भारत तिब्बत सीमा (चीन के अधिकार क्षेत्र) का अंतिम शहर है। यहां से नीति और माणा घाटियां भारत तिब्बत सीमा से जुड़ती हैं। इस बटालियन के कई जवान जोशीमठ में किराए के मकान में रहते हैं। शहर के मकानों में जिस तरह गहरी दरारें आ रही हैं, वह किसी के लिए सुरक्षित नहीं हैं। किसी अनहोनी से बचने के लिए सेना ने जवानों को ऐसे किराए के मकान तत्काल खाली करने को कहा है जहां दरारें आ रही है। इनके लिए सेना अपने जवानों के रहने के लिए अस्थायी इंतजाम कर रही है। कई जवानों के परिवारों को कैंपों में ठहराया गया है। कुछ को बैरकों में शरण दी जा रही है। फिलहाल कोई सैन्य अधिकारी इस बारे में कुछ कहने को तैयार नहीं है। भारतीय सुरक्षा बलों के बाद इस सीमांत इलाके के नागरिक दूसरी रक्षा पंक्ति के पहरेदार हैं। भू-धंसाव की घटना पर यदि प्रभावी रोक नहीं लगी तो ये देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। जोशीमठ में स्काउट आईबेक्स बिग्रेड का मुख्यालय भी है।

सचिव डॉ सिन्हा ने बताया कि सेना, आइटीबीपी, एनटीपीसी व जेपी कंपनी के परिसर के कुछेक हिस्से भी भूधंसाव वाले क्षेत्र की जद में है। सेना ने अपने आवासीय परिसर को खाली कर इसे अपने ही परिसर में सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया है। आइटीबीपी भी अपनी कॉलोनी खाली कर रही है, जबकि जेपी कंपनी ने भी अपने कुछ आवास खाली कर दिए हैं। एनटीपीसी भी इसकी तैयारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में सेना, आइटीबीपी के पास पर्याप्त जगह है, जो सुरक्षित है। भू-धंसाव का क्षेत्र अब सेना और आईटीबीपी के कैंप की ओर भी बढ़ना शुरू हो गया है। कैंप की सड़क धंसने के साथ ही सीमा का जोड़ने वाला मलारी हाईवे पर धंस गया है। ऐसे में सेना को आवागमन व रसद की दिक्कत हो सकती है।

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