देहरादून: लंबे समय से कैसर से लड़ रहे आईपीएस केवल खुराना रविवार को जिंदगी की जंग हार गए। उन्होंने दिल्ली साकेत स्थित एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को पुलिस ऑफिसर्स कॉलोनी में पुलिस महानिरीक्षक केवल खुराना के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिवारजनों से मिलकर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
खुराना वर्ष 2005 मैच के आईपीएस अधिकारी थी। उनकी गिनती तेज तर्रार अफसरों में होती थी। वर्तमान में उनके पास आईजी ट्रेनिंग की जिम्मेदारी थी। आईपीएस केवल खुराना वर्ष 2013 में राजधानी देहरादून के पुलिस कप्तान भी रह चुके थे। उस वक्त उन्होंने शहर की यातायात व्यवस्था के लिए बड़े फैसले लिए थे। आज भी उनके उन प्रयासों के कारण लोग उन्हें याद करते हैं। केवल खुराना प्रदेश के पहले यातायात निदेशक भी बने।
करीब चार सालों तक उन्होंने यह जिम्मेदारी संभाली। उन्हें फिक्की की ओर से अवार्ड भी दिया गया था। इसके बाद उन्हें जनरल कमांडेंट होमगार्ड बनाया गया। आईजी ट्रेनिंग रहते उन्होंने आईपीसी सीआरपीसी के उर्दू के शब्दों को बदलकर आम बोलचाल की भाषा हिंदी में पाठ्यक्रम शुरू कराया। खुराना बदायूं जिले के रहने वाले थे। उनके पिता टेंट कारोबारी होने के साथ साथ एक साहित्यकार भी हैं। साहित्य में केवल खुराना की रुचि भी थी