मसूरी: उत्तराखंड में मसूरी के हाथीपांव स्थित ऐतिहासिक जॉर्ज एवरेस्ट हाउस पर्यटकों को आकर्षित करने जा रहा है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का लोकार्पण किया। एशियन डेवलपमेंट बैंक की ओर से जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का 23.69 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार का कार्य किया गया है। जहां, जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के पुराने स्वरूप को संरक्षित किया गया है। मसूरी के हाथीपांव के समीप 172 एकड़ जमीन बने सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस और 50 मीटर दूरी पर स्थित ऑब्जर्वेटरी का जीर्णाेद्धार किया गया है। वहीं, इसके आसपास के क्षेत्र को भी विकसित किया गया है।
सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस और इससे करीब 50 मीटर की दूरी पर स्थित प्रयोगशाला (ऑब्जर्वेटरी) का जीर्णाेद्धार 18 जनवरी 2019 शुरू किया गया था। जॉर्ज एवरेस्ट पर पर्यटकों के बढ़ते दबाव को देखते हुए बूम बैरियर के पास पार्किंग स्थल बनाया गया है। साथ ही रिसेप्शन काउंटर भी बनाया गया है। जीर्णाेद्धार कार्य में जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का मूल स्वरूप को बरकरार रखा गया है। इसके जीर्णाेद्धार में चक्कों में चूना, सुर्खी, मेथी और उड़द की दाल को पानी के साथ पीसकर सीमेंट जैसा लेप बना कर लाहौरी ईंटों का प्रयोग किया गया है।
मसूरी स्थित सर जॉर्ज एवरेस्ट हाऊस के जीर्णोद्वार के मौके पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि विश्व की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट एवरेस्ट’ की पहली बार सही ऊंचाई और लोकेशन बताने वाले सर जॉर्ज एवरेस्ट के मसूरी स्थित हाऊस के जीर्णोद्वार के पश्चात लोकार्पण करते हुए उन्हें अपार प्रसन्नता हो रही है।
महाराज ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मसूरी स्थित इस ऐतिहासिक धरोहर “सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस” जो कि पूर्व में बेहद खस्ता हालत में था का जीर्णोद्धार कर इसके मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए की भाँति सीमेंट की जगह चक्की में पीस कर बनाए गए मिश्रण से बनाया गया है। इसके जीर्णोद्धार में चक्की में चूना, सुर्खी, मेथी और उड़द की दाल को पानी के साथ पीसकर सीमेंट जैसा लेप बना कर लाहौरी ईंटों का प्रयोग किया गया है।