नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून स्थित चाय बागान की जमीन को लेकर चल रहे विवाद पर सुनवाई करते हुए जमीन की खरीद-फरोख्त पर लगी रोक को यथावत रखने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को अब तक उत्तर नहीं देने पर नाराजगी जताई और जल्द जवाब पेश करने को कहा है।
यह जनहित याचिका देहरादून निवासी विकेश सिंह नेगी ने दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राजा चंद्र बहादुर सिंह की सरप्लस जमीन, जो वर्ष 1960 में सरकार में निहित होनी थी, वह आज भी लाड़पुर, नथनपुर और रायपुर क्षेत्रों में भूमाफियाओं द्वारा बेची जा रही है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि लगभग 350 बीघा भूमि पर तत्काल रोक लगाई जाए, राज्य सरकार इस पर स्वामित्व स्थापित करे और क्रेता-विक्रेता दोनों पर कार्रवाई की जाए।
पूर्व में भी कोर्ट ने सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा था, लेकिन जवाब नहीं दिए जाने पर याचिकाकर्ता ने रोक की अवधि बढ़ाने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए अगली सुनवाई तक रोक जारी रखने का निर्णय लिया।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में हाल के वर्षों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और अनधिकृत कब्जों के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसको लेकर राज्य सरकार ने भी अभियान चला रखा है।