देहरादून: राजधानी में डेंगू से बिगड़ते हालात पर स्वास्थ्य महकमा ज्यादा गंभीर नहीं दिख रहा है। प्राईवेट अस्पतालों में मनमानी के बाद सरकारी जिला अस्पताल कोरोनेशन की व्यवस्थाएं भी काफी हद तक चरमराने लगी है। इसका प्रमाण आज स्वयं राज्य के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कोरोनेशन अस्पताल में निरीक्षण के दौरान देखा। यहां अस्पताल की बदहाल इमरजेंसी सेवा और बंद पड़ी सेंट्रल लैब को देख स्वास्थ्य सचिव ने अफसरों की जमकर क्लास लगाते हुए सुधार के निर्देश दिए। कहा कि डेंगू जैसी महामारी से निपटने में किसी की भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सुधार को कार्य कर रहे हैं। वह दिनरात अस्पतालों के निरीक्षण, डॉक्टरों की तैनाती, संसधान जुटाने में लगे हैं। लेकिन कुछ अधिकारी अपने कार्य के प्रति लापरवाह बने हुए हैं। खासकर डेंगू जैसी महामारी से राजधानी में हालात बेकाबू हो रखे हैं। लेकिन अस्पताल सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। अभी 29 अगस्त को स्वास्थ्य सचिव ने दून अस्पताल का निरीक्षण कर जरूरी दिशा निर्देश दिए। इसका असर काफी हद तक दून अस्पताल में देखने को मिल रहा है। आज रविवार को स्वास्थ्य सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार ने जिला अस्पताल कोरोनेशन का औचक निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाओं को देखा।
इस दौरान जिला अस्पताल की इमरजेंसी के हालातों लेकर सचिव स्वास्थ्य ने कड़ी नाराजगी व्यक्ति की। साथ ही सचिव स्वास्थ्य ने सेंट्रल पैथोलॉजी का निरीक्षण करना चाहा तो लैब का ताला बंद मिला। इससे स्वास्थ्य सचिव का पारा चढ़ गया और अफसरों को आड़े हाथों लिया। सचिव ने अधिकारियों को मौके पर ही जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि पैथोलॉजी लैब का बंद होना डेंगू महामारी में सही नहीं है। उन्होंने डेंगू से हालात सामान्य होने तक पैथोलॉजी लैब को भी व्यवस्थित तरीके से खोलने और बंद करने के निर्देश दिए। इस दौरान चिकित्साधिकारियों को जिम्मेदारी के साथ व्यवस्थाएं देखने के निर्देश दिए हैं।