देहरादून : उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च से शुरू होने जा रहा है, लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है। बताया जा रहा है कि विधानमंडल दल की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन यह बैठक कब होगी, इसकी किसी को जानकारी नहीं है।
विधानसभा चुनाव में अपेक्षित नतीजे नहीं मिल पाने पर पार्टी हाईकमान की ओर से राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजा गया था। तमाम प्रत्याशियों और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ हार के कारणों पर मंथन करने के बाद वह अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप चुके हैं। माना जा रहा था कि रिपोर्ट मिलने के बाद पार्टी हाईकमान नेता प्रतिपक्ष के मसले को शीघ्र सुलझा लेगा। लेकिन फिलहाल ऐसे कोई आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं।
इधर, तय कार्यक्रम के अनुसार 29 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ सत्र शुरू होगा। अगले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बाद सरकार की ओर से नए वित्तीय वर्ष में राज्य के खर्च के लिए लेखानुदान प्रस्तुत किया जाएगा। 31 मार्च को लेखानुदान विधेयक पारित किया जाएगा। इस संबंध में सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल की ओर से सभी विधायकों को पत्र भेजकर सूचना भी दे दी गई है।