- स्थानांतरण एक्ट में विसंगति पर मुख्य सचिव का ध्यान खींचा
देहरादून:राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन से मुलाकात कर उत्तराखंड वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम-2017 की धारा 17(घ) के उचित क्रियान्वयन को लेकर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि अधिनियम के अनुसार मान्यता प्राप्त सेवा संगठनों के प्रदेश व जनपद स्तरीय अध्यक्ष/महामंत्री का स्थानांतरण उनकी पदधारण तिथि से दो वर्ष या पदावधि तक (जो पहले हो) नहीं किया जाना है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग में यह छूट केवल विभागीय संगठनों तक सीमित कर दी गई है और परिसंघ से जुड़े पदाधिकारियों को स्थानांतरित किया गया है, जो कि नियमों का उल्लंघन है।
परिषद के अध्यक्ष अरुण पांडे का कहना है कि यह प्रावधान सभी मान्यता प्राप्त संगठनों पर समान रूप से लागू होता है और इस विषय पर कार्मिक विभाग को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए। परिषद ने मांग की कि शासन स्तर से इस संबंध में शीघ्र स्पष्टीकरण जारी किया जाए।
इसके अतिरिक्त, प्रतिनिधिमंडल ने गोल्डन कार्ड की सेवाओं में आ रही बाधाओं की ओर भी ध्यान दिलाया और प्रदेश के कार्मिकों को स्वास्थ्य लाभ की सुविधा निर्बाध रूप से दिलाने हेतु हस्तक्षेप की मांग की।
मुख्य सचिव ने परिषद की बातों को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।