दिल्ली के उप मुख्यमंत्री सिसोदिया बोले, उत्तराखंड के स्कूलों के हालात देखकर दुख हो रहा है

 

लालकुआं: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री आज चार दिवसीय दौरे पर कुमाऊ के उधमसिंह नगर जिले में पहुंचे। पंतनगर एयरपोर्ट से वह सीधे हल्द्वानी के लिए निकले तो लालकुआं के निकट अचानक एक सरकारी स्कूल पर निगाह पड़ी तो वहां निरीक्षण के लिए पहुंच गए। यहां पहुंच कर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय रेलवे लालकुआं स्कूल के अंदर प्रवेश किया जहां के हालात बेहद दयनीय थे। इस पर उन्हें प्रदेश की भाजपा सरकार के साथ ही पूर्व की कांग्रेस सरकार पर हमले का मौका मिल गया। मनीष सिसोदिया के साथ इस दौरान आप प्रभारी दिनेश मोहनिया भी मौजूद रहे।
लाल कुआं के रेलवे के सरकारी स्कूल पहुंच कर मनीष सिसोदिया ने वहां के हालात पर अफसोस जताते हुए कहा कि अगर स्कूलों के हालात ऐसे रहेंगे तो बच्चे कैसे ऐसे स्कूलों में अपना भविष्य बना पाएंगे। कैसे पढ़ाई कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए स्कूलों की स्थिति भी बेहतर होनी चाहिए। उन्होंने कहा ऐसे स्कूलों को देखकर बेहद अफसोस और दुख हो रहा है कि 21 वी सदी में भी ऐसे स्कूलों में बच्चों को पढ़ना पढ़ रहा है। जहां टीन की छत है, बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ते हैं और कमरे बंद हैं।
उन्होंने इस दौरान वहां मौजूद महिलाओं से भी स्कूल के हालात को लेकर बात की। जहां महिलाओं ने बताया कि हमारे बच्चों को जमीन पर बैठ कर पढ़ना पड़ता है और यहां मिलने वाला मिड डे मील खाने की क्वालिटी भी खराब है। यहां शौचालय की स्थिति भी बेहद खराब है। महिलाओं ने बताया इस स्कूल में अभी 160 बच्चे पढ़ रहे हैं, लेकिन स्कूल के हालात बेहद खराब होने के चलते वो अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं। इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वहां मौजूद एक बच्ची से भी बात की।
इस दौरान मौजूद पत्रकारों से उन्होंने कहा कि मुझे दुख हो रहा ऐसे स्कूल आज भी 21 वी सदी में हैं जहां बच्चों को ऐसे हालातों में पढ़ना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी कांग्रेस ने यहां के लोगों के साथ धोखा किया है। यहां की जनता ने बीजेपी कांग्रेस पर पिछले 21 सालों में भरोसा जताया लेकिन उनको धोखे के अलावा कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अबकी बार वोट की ताकत से ऐसी सरकारों को उखाड़ फेंको। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले दिल्ली में भी सरकारी स्कूलों के यही हालात थे। उन्होंने कहा जब दिल्ली में बदलाव हो सकता तो उत्तराखंड में क्यों नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यहां की सरकारों ने स्कूलों और यहां के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए कभी काम नहीं किया। ऐसे में कैसे यहां के बच्चों का भविष्य बन सकता है। उन्होंने बताया दिल्ली में आज सरकारी स्कूल विश्वस्तरीय बन चुके हैं। हमारे यहां सरकारी स्कूलों से बच्चे आईआईटी, नीट, इंजीनियरिंग में निकल रहे हैं। इसके बाद वो सीधे हल्द्वानी सर्किट हाउस के लिए निकल गए। हल्द्वानी के रामलीला मैदान में उनकी जनसभा भी है।

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