देहरादून: दिल्ली-देहरादून का सफर महज ढाई घंटे में पूरा होने का सपना आकार लेता दिख रहा है। देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे बनने का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो चुका है। देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे बनने के बीच में कुछ अड़चनें आ रही थीं जो कि अब हट चुकी हैं। भारतीय वन्यजीव बोर्ड के द्वारा इस परियोजना को हरी झंडी मिलने के बाद अब राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी NGT ने भी मंजूरी दे दी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी NGT ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को बूम देने वाले दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी है।
हालांकि एनजीटी ने कुछ शर्तों पर ही इसको मंजूरी दी है। शर्त यह है कि इस सड़क के निर्माण के दौरान पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे और वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर भी बाधित न हो। इस निगरानी के लिए NGT ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 12 सदस्यों वाला एक्सपर्ट पैनल बनाया है। इस पैनल का काम हाईस्पीड रोड के निर्माण के दौरान निकलने वाला मलबा सही तरीके से डिस्पोज कराना और एक्सप्रेसवे की वजह से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे या गणेशपुर-देहरादून सड़क (एनएच-72ए) पर वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर को बाधित होने से बचाना है।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने वाला यह एक्सप्रेसवे राज्य की आर्थिक रफ्तार को बढ़ाएगा, साथ ही दिल्ली से देहरादून तक की दूरी को महज 2.30 से 3 घंटे तक समेट देगा। जिसके निर्माण में कई रोड़े आ रहे थे। अब इस हाइवे का रास्ता साफ हो गया है।