राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में बुधवार को बताया कि गोल्डन कार्ड के लिए पेंशन से हो रही अनिवार्य कटौती नवंबर के दूसरे सप्ताह तक बंद हो जाएगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। कोर्ट ने इस बयान को रिकॉर्ड कर सुनवाई की नवंबर के दूसरे सप्ताह के लिए निर्धारित कर सरकार से अनिवार्य कटौती बंद करने के लिए कहा है।
बुधवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में देहरादून के समाजसेवी गणपत सिंह बिष्ट की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें गणपत पक्ष ने तर्क दिया कि उत्तराखंड के सभी पेंशनर से हो रही अनिवार्य कटौती गैरकानूनी है। यह संविधान के अनुछेद-300 के विरुद्ध है। पेंशनर को यह विकल्प होना चाहिए कि उन्हें गोल्डन कार्ड का लाभ लेना है या नहीं, वह भी तब जब गोल्डन कार्ड की सेवाएं बहुत लचर हैं। सरकार की तरफ से तर्क दिया गया था कि गोल्डन कार्ड के लिए अनिवार्य कटौती में कई विभागों को एक साथ लेना है। किसी एक का वित्तीय संतुलन न बिगड़े, इसलिए अनिवार्य कटौती तत्काल बंद नहीं किया जा सकता।