कांग्रेस ने लक्ष्मी राणा को पहले निकाला, फिर वापस ले लिया, क्या बिना पता किए निष्कासन हो रहे

देहरादून: प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा पार्टी महासचिव सुश्री लक्ष्मी राणा के स्पष्टीकरण के उपरान्त पार्टी से उनका निष्कासन तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए उन्हें जनपद पौडी गढ़वाल की लैन्सडाउन विधानसभा क्षेत्र में प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव संगठन मथुरादत्त जोशी ने बताया कि सुश्री लक्ष्मी राणा द्वारा प्रदेश प्रभारी श्री देवेन्द्र यादव से वार्ता कर अपना स्पष्टीकरण देते हुए पार्टी के प्रति पूर्ण निष्ठा व्यक्त करते हुए अपना निष्कासन निरस्त करने का अनुरोध किया जिसके उपरान्त प्रदेश प्रभारी  देवेन्द्र यादव के निर्देश पर उनका निष्कासन निरस्त करते हुए उन्हें लैन्सडाउन विधानसभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी सौंपते हुए उनसे अपेक्षा की गई है कि वे शीघ्र ही लैन्सडाउन विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर पार्टी प्रत्याशी की विजय सुनिश्चत करने में अपना योगदान करेंगी।

आपको बता दें कि उत्तराखंड में कांग्रेस ने अनुशासन हीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए 2 दिन पहले ही प्रदेश महामंत्री लक्ष्मी राणा के अलावा रुद्रप्रयाग के आधा दर्जन नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। लेकिन ऐसा न जाने क्या हुआ कि 2 दिन बाद ही पार्टी ने अपना फैसला वापस ले लिया है। पार्टी ने 2 दिन बाद एक और आदेश जारी किया जिसमें लक्ष्मी राणा को न केवल पार्टी में वापस ले लिया है। बल्कि लक्ष्मी राणा को लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी के प्रचार-प्रसार की भी जिम्मेदारी दी गई है।

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