देहरादून: कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को वरिष्ठ नेता हरीश रावत और प्रीतम सिंह ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर केंद्र और राज्य सरकार पर तीखे प्रहार किए।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री से आपदा राहत और पुनर्वास को लेकर बड़ी अपेक्षा थी, लेकिन निराशा हाथ लगी। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्रों पर जलवायु परिवर्तन का गहरा असर पड़ रहा है, इसलिए केंद्र सरकार को तत्काल राष्ट्रीय रणनीति तैयार करनी चाहिए। रावत ने याद दिलाया कि यूपीए सरकार के समय जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आठ मिशन लॉन्च किए गए थे, जिनमें मध्य हिमालयी क्षेत्रों के लिए भी विशेष योजना शामिल थी। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार इन क्षेत्रों की आजीविका बचाने के लिए ठोस नीति बनाए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1200 करोड़ रुपये की राहत राशि को “ऊंट के मुंह में जीरा” बताते हुए कहा कि यह रकम आपदा प्रभावित उत्तराखंड की जरूरतों के लिए नाकाफी है।
उन्होंने 2013 की केदारनाथ आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय कांग्रेस सरकार ने आपदा पर काबू पाया था। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि धामी सरकार एलिवेटेड रोड परियोजना के नाम पर मलिन बस्तियों को उजाड़ने का काम कर रही है। प्रीतम सिंह ने साफ कहा कि कांग्रेस हमेशा गरीबों और मलिन बस्तियों के साथ खड़ी है।
पत्रकार वार्ता में सुरेंद्र कुमार, लाल चंद शर्मा, ज्योति रौतेला, गरिमा दसौनी, प्रतिमा सिंह व कार्यकर्ता मौजूद थे।