- एक्टिविस्ट त्रिलोचन भट्ट को लेह हिंसा में शामिल बता कर किया गया दुष्प्रचार
देहरादून: हाल ही में हुए पेपर लीक आंदोलन के दौरान स्वतंत्र पत्रकार और एक्टिविस्ट त्रिलोचन भट्ट के खिलाफ सोशल मीडिया पर किये गये दुष्प्रचार के मामले में पुलिस को शिकायत दी गई है। एसएसपी से मुलाकात न होने के कारण यह शिकायत एसपी नगर को दी गई। एसपी नगर प्रमोद कुमार ने संबंधित सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने की बात कही है।
उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत ने कहा कि यह शिकायत फिलहाल त्रिलोचन भट्ट की तरफ से दी गई है। यदि इस पर पुलिस कार्रवाई नहीं करती तो सभी सामाजिक संगठनों की ओर से पुलिस और प्रशासन के सीनियर अधिकारियों को शिकायत दी जाएगी और जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब किसी के बारे में झूठ बोलकर उसे बदनाम करना नहीं होता।
शिकायत में कहा गया है कि त्रिलोचन भट्ट ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में उनके साथ अपना और अन्य लोगों को एक फोटो सोशल मीडिया में पोस्ट किया था। यह फोटो इसी साल 21 मई को शहीद स्मारक में उस समय लिया गया था, जब सोनम वांगचुक यहां एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये थे। वसूली अभियान मोर्चा नामक एक सोशल मीडिया पेज ने उनके इस फोटो और छात्र आंदोलन में अपनी बात रखने वाली एक फोटो का गलत तरीके से इस्तेमाल किया। प्रचारित किया कि वे लेह में सोनम वांगचुक के साथ थे और अब छात्रों के आंदोलन में आ गये हैं। इसके बाद शशांक वर्मा नामक यूजर ने एक पोस्टर के साथ उनके दोनों फोटो सोशल मीडिया पर यह कहकर डाले कि लेह में हिंसा फैलाने के बाद वे अब उत्तराखंड को आग में झोंकने की योजना बना रहे हैं।
शिकायत के अनुसार इसके बाद देशभर के कई लोगों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस तरह का दुष्प्रचार किया। इन पोस्टों को करोड़ों लोगों ने तो देखी ही, भट्ट रिश्तेदारों और निकट संबंधियों को भी भेजी गई और उन्हें भी निशाने पर लिया गया। शिकायत में वसूली अभियान मोर्चा और शशांक वर्मा के साथ ही जितेन्द्र प्रताप सिंह, अनु डागर, राजेश्वर उनियाल और महेश पाठक गोलू नामक सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। यह भी मांग है कि उनसे ये पोस्ट हटावाकर माफी मांगने की पोस्ट डलवाई जाए।
एसपी नगर से मिलने वालों में उत्तराखंड महिला मंच की विमला कोली, कमला पंत और निर्मला बिष्ट, उत्तराखंड इंसानियत मंच के हरिओम पाली, भारत ज्ञान विज्ञान समिति के विजय भट्ट, उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के मोहित डिमरी, सीपीआई माले के इंद्रेश मैखुरी आदि शामिल थे।