CM पहुंचे पीड़तों के बीच, बोले-जोशीमठ की एक एक-पल की रिपोर्ट लेने आया हूँ, मेरी पहली चिंता आज सिर्फ जोशीमठ है”

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा से प्रभावित लोगों का हाल-चाल जाने के लिए जोशीमठ पहुंचे। आपदा प्रभावितों से मिलकर उनका हालचाल जाना और हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है। सीएम ने यहां पहुंच बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मुआवजे से लेकर ध्वस्तिकरण और विकास पर भी बड़ी बात करते हुए सरकार का प्लान बताया। साथ ही अफवाहों पर ध्यान न देने की बात कही।

जोशीमठ में दरकते हुए मकानों-इमारतों को प्रशासन द्वारा तोड़े जाने की खबरों और प्रभावितों के विरोध के बात अब इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भी प्रतिक्रिया सामने आ गई है। सीएम धामी ने कहा कि ऐसी बात सामने आ रही है कि सभी इमारतों को तोड़ा जा रहा है, ऐसा नहीं है। केवल 2 होटलों की बात सामने आई थी और उस पर भी सभी की सहमति के बाद ही प्रशासन काम करेगा। वहीं राहत, पुनर्वास और मुआवजे के लिए कमेटी बना दी गई है। सबकि सहमती के बाद ही कार्यवाही की जाएगी।

 

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नगरपालिका क्षेत्र जोशीमठ के भू-स्खलन एवं भू- धसाव प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावितों को बाजार रेट पर मुआवजा दिया जायेगा। बाजार की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में जारी की जाएगी। 03 हजार प्रभावित परिवारों को कुल 45 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गई है। तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार 1.50 लाख रूपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में भूधसाव के कारण प्रभावित भू-भवन स्वामियों/परिवारों को स्थाई अध्यासन विस्थापन नीति तैयार होने से पूर्व 01 लाख रूपये की अग्रिम धनराशि दी गई है। प्रभावित भू-भवन स्वामियों / परिवारों को अपने भवन के सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु गैर समायोजय एकमुश्त विशेष ग्रान्ट के रूप में 50 हजार रूपये की धनराशि दी गई है। यह धनराशि उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा जारी की गई।

मुख्यमंत्री जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र की सभी व्यवस्थाओं की अधिकारियों से नियमित रिपोर्ट ले रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि जोशीमठ क्षेत्र में प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी हर समस्याओं का शीघ्रता से निदान किया जाय। सुरक्षा की दृष्टि से जिन परिवारों को अन्यत्र स्थानों पर शिफ्ट कराया जा रहा है उनको वहां सभी बेहतर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जाय कि यह पूरे देश के लिए नजीर बने। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के इस दुःख-दर्द में सरकार द्वारा उनको हर सम्भव सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।

 

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