- पुलिस स्मृति दिवस – परिजनों का सम्मान और दीवाली गिफ्ट
- रजत जयंती पदक, 100 करोड़ वार्षिक आवास बजट और नई सुविधाओं की घोषणा
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को पुलिस लाइंस, देहरादून में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों के शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर उत्तराखंड पुलिस के सभी कार्मिकों को विशेष रजत जयंती पदक प्रदान किया जाएगा। उन्होंने आगामी तीन वर्षों तक पुलिस कर्मियों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। साथ ही पुलिस कल्याण निधि को बढ़ाकर 2.5 करोड़ से 4.5 करोड़ रुपये करने तथा 12 स्थानों पर एसडीआरएफ जवानों के लिए बैरकों के निर्माण की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों पर है। बीते एक वर्ष में देशभर में 186 जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया, जिनमें उत्तराखंड पुलिस के 4 वीर सपूत भी शामिल हैं। राज्य सरकार पुलिस व्यवस्था को और अधिक सक्षम व संसाधनयुक्त बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है।उन्होंने बताया कि प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क के तहत क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) का गठन किया गया है। पिछले तीन वर्षों में पुलिस भवनों के निर्माण हेतु 500 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है। 688 आवासीय भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है और 120 नए आवास जल्द प्रारंभ होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग के लिए मैस, बैरक और कार्यस्थलों के आधुनिकीकरण पर भी धनराशि दी गई है। नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन हेतु 5 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं तथा सभी पुलिस कर्मियों को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 356 पुलिसकर्मियों को पदोन्नति दी गई है और 215 को विशिष्ट कार्य एवं सेवा के लिए सम्मानित किया गया है। प्रशिक्षण संस्थानों को सशक्त बनाया जा रहा है, पीटीसी नरेंद्रनगर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है तथा एआई और साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रशिक्षण जारी हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों के वेतन, भत्ते, चिकित्सा प्रतिपूर्ति और अवकाश की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं। आपदा राहत कार्यों को प्रभावी बनाने के लिए एसडीआरएफ की नई कंपनी गठित की गई है जिसमें 162 पद स्वीकृत हुए हैं। साथ ही 222 उपनिरीक्षक और 2000 सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया भी जारी है।
उन्होंने बताया कि मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत 136 परिवारों को नियुक्तियां दी गई हैं। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए उत्तराखंड खेल नीति के तहत पुलिस विभाग में विशेष भर्ती कोटा लागू किया गया है। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि समय-समय पर पुलिसकर्मियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन पर कार्यक्रम आयोजित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना हुई है जो आने वाली पीढ़ियों को वीर जवानों के साहस की गाथाओं से परिचित कराएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक एवं सामरिक स्थिति के कारण राज्य की सुरक्षा में पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष कांवड़ यात्रा में 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और चारधाम यात्रा में 50 लाख से अधिक यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने में पुलिस ने सराहनीय योगदान दिया है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी पुलिस ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अनेक जानें बचाई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते समय के साथ अपराध का स्वरूप भी बदल रहा है — नशे, साइबर अपराध और एआई आधारित ठगी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस को तकनीकी रूप से दक्ष बनाना आवश्यक है। राज्य में गठित त्रिस्तरीय एंटी-नारकोटिक फोर्स ने तीन वर्षों में 6199 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर 275 करोड़ रुपये से अधिक के मादक पदार्थ बरामद किए हैं।
उन्होंने बताया कि साइबर फ्रॉड के मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए 63 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पीड़ितों को लौटाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को तकनीक और प्रशिक्षण के माध्यम से साइबर अपराधियों से एक कदम आगे रहना होगा।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, बृजभूषण गैरोला, सविता कपूर, मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ, पूर्व मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी सहित अनेक अधिकारी एवं परिजन उपस्थित रहे।