देहरादून: उत्तराखंड में रोजगार के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में सिंचाई विभाग के विभिन्न पदों पर चयनित 144 अभ्यर्थियों तथा उत्तराखण्ड परिवहन निगम में मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत 43 पात्र आश्रितों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस प्रकार कुल 187 अभ्यर्थियों/आश्रितों को सरकारी सेवा में प्रवेश मिला, जो राज्य सरकार की पारदर्शी और जनकल्याणकारी नीति का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
राज्य सरकार की संवेदनशीलता: आश्रितों को मिला न्यायमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लंबे समय से लंबित मामलों में दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को न्याय दिलाने का कार्य किया है। बीते वर्ष 150 आश्रितों को नियुक्ति दी गई थी और आज शेष 43 पात्र आश्रितों को भी नियुक्ति पत्र प्रदान कर दिए गए हैं। यह न केवल प्रशासनिक संवेदनशीलता का परिचायक है, बल्कि राज्य सरकार की जन सरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लंबे समय से लंबित मामलों में दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को न्याय दिलाने का कार्य किया है। बीते वर्ष 150 आश्रितों को नियुक्ति दी गई थी और आज शेष 43 पात्र आश्रितों को भी नियुक्ति पत्र प्रदान कर दिए गए हैं। यह न केवल प्रशासनिक संवेदनशीलता का परिचायक है, बल्कि राज्य सरकार की जन सरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने वर्ष 2024 में 56 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ अर्जित किया है, जो निगम के इतिहास में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यह लाभ निगम की कार्यप्रणाली में सुधार, पारदर्शिता और दक्षता का परिणाम है।
भ्रष्टाचार पर कठोर प्रहार, युवाओं को मिला भरोसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहले भर्तियों में भारी धांधली, पक्षपात और भ्रष्टाचार हुआ करता था। युवाओं की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया है। अब सभी भर्तियां मेरिट और पारदर्शिता के आधार पर की जा रही हैं, जिससे योग्य उम्मीदवारों को उनके कौशल और परिश्रम का पूरा लाभ मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि बीते साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश के 23,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। यह आंकड़ा न केवल प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है, बल्कि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम भी है।
“हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। अब कोई भी दोषी बच नहीं सकता।” पुष्कर सिंह धामी
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उत्तराखंड की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी उत्पादों के उपयोग के आह्वान को दोहराते हुए प्रदेशवासियों से लोकल और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि “देवभूमि उत्तराखंड प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को साकार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक पहल नहीं, बल्कि यह राष्ट्र की आत्मा को सशक्त करने का अभियान है।
सिंचाई विभाग में तकनीकी दक्षता से विकास को नई दिशा
मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग में चयनित अभ्यर्थियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि ये युवा “सिंचाई परियोजनाओं के नक्शों और डिज़ाइनों का निर्माण कर भविष्य की विकास रूपरेखा तैयार करेंगे।” उन्होंने कहा कि राज्य में निरंतर सिंचाई योजनाओं का विस्तार किया जा रहा है और आज चयनित अभ्यर्थी इन योजनाओं के जमीनी स्तंभ बनेंगे, जो अपनी तकनीकी कुशलता से किसानों के खेतों तक जल पहुंचाने का कार्य करेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि चयनित अभ्यर्थियों में कई युवा राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण कोटे के अंतर्गत भी चयनित हुए हैं, जो राज्य के संघर्षशील इतिहास और सामाजिक न्याय की भावना को सम्मान देने वाला कदम है।
कैबिनेट मंत्रियों ने सराहा सरकार का प्रयास
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में 23,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है, जिससे बेरोजगारी में उल्लेखनीय गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग में नियुक्तियां विभाग को और सक्षम बनाएंगी, जिससे विकास को नई गति मिलेगी।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, विधायक सविता कपूर, सचिव युगल किशोर पंत, अपर सचिव रीना जोशी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहे।