केंद्र सरकार ने विदेश से आने वाले यात्रियों लिए जारी की नई COVID गाइडलाइंस, देखें डिटेल …

नई दिल्ली: दुनियाभर में तेजी से एक बार फिर कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं और रोजाना सैकड़ों लोगों की मौत भी हो रही है। जिसे देखते हुए भारत में भी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

हेल्थ मिनिस्ट्री ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी गाइडलाइन में यात्रियों से कहा गया है कि वो खुद भी अपनी हेल्थ को मॉनिटर करते रहें। अगर कुछ भी परेशानी होती है तो नजदीकी हेल्पडेस्क या फिर हेल्पलाइन नंबर (1075) पर कॉल कर सकते हैं। इस गाइडलाइन में ये भी बताया गया है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों की एयरपोर्ट पर रैंडम टेस्टिंग नहीं होगी। फिजिकल डिसटेंसिंग का भी सख्ती से पालन करना होगा।

विदेशी यात्रियों के लिए जारी गाइडलाइन जारी-

  • जो भी भारत आने की तैयारी कर रहे हैं या फिर भारत आ रहे हैं उन्हें वैक्सीन लगवाने की सलाह दी गई है। यात्रियों से कहा गया है कि वो अपने देश में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया का हिस्सा बनें।
  • अगर आप ट्रैवल कर रहे हैं तो आपको सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का इस्तेमाल करना होगा। तमाम एयरलाइंस को भी इसके लिए निर्देश दिए गए हैं, जिनमें कहा गया है कि ट्रैवल और सभी एंट्री प्वाइंट्स पर इन चीजों का खयाल रखा जाए।
  • अगर किसी भी पैसेंजर में कोरोना के कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे नियमों के तहत आइसोलेट किया जाएगा. इस यात्री को मास्क पहनाना जरूरी होगा और बाकी यात्रियों से तुरंत अलग करना होगा।
  • जब यात्रियों की डी-बोर्डिंग हो तो इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का खयाल रखा जाए। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग हो। एंट्री प्वाइंट्स पर स्वास्थ्य अधिकारियों की तैनाती हो।
  • अगर स्क्रीनिंग के दौरान किसी भी यात्री में लक्षण पाए गए तो उसे तुरंत आइसोलेट कर नजदीकी मेडिकल फेसिलिटी में ले जाएं। हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आगे की कार्रवाई हो।
  • फ्लाइट में कुल पैसेंजर की संख्या के दो फीसदी यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग की जाए। एयरपोर्ट पर टेस्टिंग को लेकर पूरी व्यवस्था हो। ऐसे पैसेंजर्स की जानकारी एयरलाइंस को देनी होगी। सैंपल लेने के बाद यात्रियों को जाने दिया जाएगा।
  • अगर टेस्टिंग के बाद किसी भी यात्री का सैंपल पॉजिटिव पाया गया तो उसे जल्द से जल्द INSACOG लैब में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए।

 

 

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