देहरादून: भारत तिब्बत सीमा को खरीद-फरोख्त में लाखों रुपये का चूना लगाए जाने के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने देहरादून में तैनात एक कमांडेंट सहित तीन और कर्मियों अलग। एक निजी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही इस मामले में सात जगहों पर छापेमारी भी की है।
आईटीबीपी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर ठेकेदारों, आपूर्तिकर्ताओं के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर मिलीभगत कर लाखों का चूना लगाया है। बताया जा रहा है कि आईटीबीपी के अंदर चलने वाली वेट कैंटीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई। साथ ही कथित खरीद का भुगतान आपूर्तिकर्ताओं के लेटर हेड पर दिखाया गया है।
रिपोर्टस की माने तो मामले की जांच में पाया गया कि कैरोसिन ऑयल की प्राप्ति के रिकॉर्ड में भी हेराफेरी की गई, क्योंकि केरोसिन ऑयल के एक टैंकर की प्राप्ति के स्थान पर 2 टैंकरों की प्राप्ति रिकॉर्ड में दर्शाई गई थी। इसके चलते आईटीबीपी को 16 लाख रुपये की कथित हानि हुई है।
मामले में अब सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि घपलेबाजी की पुष्टि होने पर 23वीं बटालियन के तत्कालीन कमांडेंट अशोक कुमार गुप्ता, सब इंस्पेक्टर सुधीर कुमार, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अनसूया प्रसाद और सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी साजिद (सामान सप्लायर) के विरुद्ध सीबीआइ ने इसी 20 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया था। अब सीबीआई आरोपित तत्कालीन कमांडेंट व जवानों की संपत्ति जांच कर रही है।