देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस समेत सभी राजनैतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा शुरू कर दी है। लेकिन टिकट कट जाने के चलते दोनो ही पार्टियों में बगावत की आग जल रही है। एक के बाद एक नेता इस्तीफा दें रहे है तो कई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके है। नैनीताल में घमासान मचा हुआ है। जहां रामनगर सीट से हरीश रावत के नाम पर मुहर लगते ही रंजीत रावत आमने-सामने आ गए है। तो वहीं लालकुआं में भी कुछ ऐसा ही नजारा है। यहां कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश चंद्र दुर्गापाल ने अपना इस्तीफा दे दिया है।
लालकुआं विधानसभा सीट पर प्रबल दावेदार पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल को टिकट नहीं मिलने पर समर्थक नाराज हैं। उनके समर्थक उनसे निर्दलीय चुनाव लड़ने मांग कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस ने लालकुआं सीट पर संध्या डालाकोटी को टिकट दिया है। ऐसे में कांग्रेस में फूट देखने को मिल रही है।काग्रेंस के वरिष्ठ नेता एंव पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल से आशीर्वाद लेने पहुंची लालकुआ विधानसभा सीट से काग्रेंस की महिला उम्मीदवार संध्या डालाकोटी को पूर्व कैबिनेट मंत्री दुर्गापाल और वरिष्ठ नेता हरेंद्र बोरा के समर्थकों ने आवास के मुख्य गेट में रोककर जमकर डालाकोटी का विरोध किया। जिसके बाद मिलने की जिद्द पर अड़ी महिला काग्रेस प्रत्याशी संध्या डालाकोटी लगभग एक घंटे तक पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल के मुख्य द्वार के समक्ष धरने में बैठी रही।
इस दौरान संध्या डालाकोटी ने कहा कि महिला प्रत्याशी के नाते कांग्रेस ने उनको टिकट दिया है। जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने महिलाओं को सम्मानित किया है, ऐसे में दुर्गापाल और उनके समर्थक एक महिला प्रत्याशी को उनसे मिलने नहीं दे रहे हैं। जो बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे में वो अपने समर्थकों के साथ दुर्गापाल के आवास के सामने धरने पर बैठ गईं। संध्या ने कहा कि दुर्गापाल को टिकट नहीं दिए जाने से नाराज हैं, लेकिन दुर्गापाल उनके संरक्षक और अभिभावक हैं। ऐसे में दुर्गापाल से आशीर्वाद लेने आई हैं, लेकिन एक महिला को सम्मान नहीं दिया जा रहा है और उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है। वहीं, काफी देर तक धरने पर बैठने के बाद संध्या डालाकोटी को वापस आना पड़ा।