गाली-गलौज और धमकियां देने पर हो सकती 7 साल की जेल, जानिए अपने अधिकार

गाली गलौज और जान से मारने की धमकी देना आए दिन देखने को मिलता है। विवाद होने पर एक दूसरे को अश्लील गालियां देने लगते हैं और इसी के साथ जान से खत्म करवा देने की धमकियां भी देते हैं। भारतीय कानून में जान से मारने की धमकी देना और अश्लील गालियां देना दोनों ही दंडनीय अपराध है और इन पर संगीन मुकदमा दर्ज होता है। ऐसे अपराधों पर सीधे पुलिस थाने से सीआरपीसी की धारा 154 के तहत एफआईआर दर्ज होती है, जिसे आम बोलचाल में पक्की रिपोर्ट कहा जाता है।

इन धाराओं के तहत गाली गलौज करना

गाली गलौज करना एक दूसरे को अश्लील गालियां देना भारतीय दंड संहिता की धारा 294 में दंडनीय अपराध है। इस धारा में दोनों पक्ष का राजीनामा भी नहीं कर सकते। क्योंकि गालियां देने से केवल पीड़ित पक्षकार को तकलीफ नहीं होती है समस्त समाज को तकलीफ होती है। इसलिए इस धारा में राजीनामा भी नहीं किया जा सकता। इस धारा के तहत आरोपियों को 3 महीने तक की सजा हो सकती है। जेल की सजा से बचने का प्रावधान भी है कि जुर्माना भर सकते हैं, लेकिन केस कई साल चलता है। आरोपियों को हर सुनवाई पर पेश भी होना पड़ता है। जमानत भी लेनी पड़ सकती है।

जाने से मारने की धमकी देना भी अपराध

आजकल मामूली-सी बातों पर झगड़ा करते हुए लोग जाने से मारने की धमकी देने लगते हैं, जबकि ऐसा करना कानून के तहत संगीन अपराध है। धारा 506 के तहत, किसी को मारने की धमकी देने पर करीब 7 साल की सजा हो सकती है। FIR दर्ज होती है और रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को भेजकर कार्रवाई की सिफारिश की जाती है। इन मामलों में भी केस कई साल चलता रहता है, लेकिन आरोपी जमानत ले सकता है।

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