पंजाब की राजनीति में इस समय कांग्रेस एक जबरदस्त अंदरूनी लड़ाई लड़ रही है जहा पर पार्टी के वरिष्ठ नेता ही एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप का खेल चला रहे हैं। कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत की टिप्पणी पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि रावत के दावे और आरोप “अपमानजनक” हैं। “जबरदस्त झूठों से हैरान हूं” कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने रावत के तमाम दावों को झूठा बता दिया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वे इस्तीफा देने से तीन महीने पहले ही सीएम पद छोड़ने का मन बना चुके थे। उन्होंने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया था। लेकिन तब सोनिया के कहने पर ही वे सीएम पद पर टिके रहे और अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करते रहे। वहीं क्योंकि हरीश रावत ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने कैप्टन का सबसे ज्यादा सम्मान किया, इस दावे पर भी अमरिंदर ने अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है।
कैप्टन ने कहा कि हमने सीएलपी की बैठक बुलाए जाने से ठीक एक दिन पहले बात की थी। रावत ने तब मुझे बताया कि कोई खास बात नहीं है और यहां तक दावा किया कि उन्होंने 43 विधायकों द्वारा भेजा गया कोई पत्र नहीं देखा है लेकिन जिस तरह से वह अब इस बारे में झूठ बोल रहे हैं, उससे मैं स्तब्ध हूं।’ पूरी दुनिया ने देखा कि किस तरीके से मेरा अपमान किया गया था। CLP मीटिंग से कुछ घंटे पहले ही मुझे अपना इस्तीफा देना पड़ गया था। अब इसे अपमान नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे। रावत को एक बार मेरी जगह खड़ा होना चाहिए तब उन्हें एहसास होगा कि मेरे साथ कैसा बर्ताव किया गया था।