लखनऊ: गोरखपुर में एक व्यवसायी की हत्या के मामले में तीन पुलिसकर्मियों के नामजद होने के बाद से यूपी में अपराधिक छवि वाले सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर बेहद सख्त हो गए हैं। सीएम ने गुरुवार को लोक भवन में गृह विभाग के शीर्ष अधिकारियों को अपराधिक छवि वाले प्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों की जांच करने का निर्देश दिए हैं। उन्होंने जांच में दोषी मिलने पर सभी को तत्काल बर्खास्तगी का भी निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब प्रदेश के सभी दागी पुलिसकॢमयों की जांच करवाने और सूची बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने गृह विभाग की जांच में दोषी मिलने सभी अपराधी छवि वाले पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर डीजी इंटेलिजेंस डीएस चौहान तथा एडीजी ला एंड आर्डर प्रशांत कुमार के नेतृत्व में दो कमेटियां बनाकर प्रदेश के सभी पुलिसकर्मियों का रिकार्ड रिव्यू करेंगी। किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि में लिप्त होने या फिर किसी मामले में दोषी पाए जाने पर इनको जबरिया रिटायर और बर्खास्त कर दिया जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में कहा कि हाल के दिनों में कतिपय पुलिस अधिकारियों/काॢमकों के अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने की शिकायतें मिली हैं। यह तो कतई स्वीकार्य नहीं है। पुलिस विभाग में ऐसे लोगों के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। प्रमाण के साथ ऐसे लोगों को चिन्हित कर सूची उपलब्ध कराएं। सभी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही होगी। इसके साथ ही अति गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिस अधिकारियों/कार्मिकों की बर्खास्तगी की जाए। दागी छवि वाले लोगों को फील्ड में महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती न दी जाए।
पुलिस पर गंभीर सवाल
इस घटना के बाद यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। पुलिस का पक्ष जानने के लिए कई गोरखपुर के एसएसपी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को फ़ोन किया गया लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। होटल की चेकिंग करने गई पुलिस टीम ने होटल स्टाफ़ को बताय था ऊपर से आदेश के तहत वो चेकिंग कर रहे हैं। मृतक मनीष के दोस्त प्रदीप सवाल करते हैं, “हम ये समझ नहीं पाए कि पुलिस हमारे ही कमरे में क्यों आई और बिना वजह के मारपीट क्यों की? अगर पुलिस अपराधियों की तरह व्यवहार करेगी, तो कारोबारी अपराधियों से ज़्यादा पुलिस से डरने लगेंगे।” इस घटना ने गोरखपुर पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जिनके जवाब देने से पुलिस अधिकारी बच रहे हैं।”