देहरादूनः उत्तराखंड के विजिलेंस विभाग ने जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाकर आईएएस रामविलास यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर अब जेल भेज दिया गया है। पहली बार किसी आईएएस अधिकारी को राज्य के इतिहास में जेल भेजा गया है।
उत्तराखंड विजिलेंस के एडीजी अमित सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जिस तरह से हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें विजिलेंस ऑफिस में दस्तावेज और सुबूत के पेपर लेकर पहुंचना था। ऐसा रामविलास यादव ने कुछ नहीं किया। ना ही आय से अधिक संपत्ति जांच की किसी बात का उन्होंने संतुष्ट करने वाला कोई जवाब दिया।
आय 50 लाख, खर्च 3 करोड़ से ज्यादा–
आरोपी आईएएस रामविलास की गाजीपुर जिले में 10 बीघा की पैतृक जमीन होना बताया गया। वहीं शेष भूखंडों के बारे में कुछ भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। वही, ट्रस्ट की 70 लाख की एफडी के बारे में भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। अभी तक की पूछताछ में चैट पीरियड में कुल आय 50 लाख 48 हजार और व्यय 3 करोड़ 12 लाख 37 से अधिक होना पाया जा रहा है, जिससे आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने की प्रबल संभावना है।
वही नैनीताल हाईकोर्ट में आय से अधिक संपत्ति मामले पर अपर सचिव समाज कल्याण राम विलास यादव की गिरफ्तारी मामले पर सुनवाई हुई है। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 19 जुलाई तक स्थिति स्पष्ट करते हुए विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। आज हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि रामविलास यादव को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि वे जांच में सहयोग कर रहे थे। मामले को सुनने के बाद एकलपीठ ने सरकार से 19 जुलाई तक स्थिति स्पस्ट करने के आदेश दिए है।
उत्तराखंड में पहली बार कोई आईएएस गया जेल–
उत्तराखंड के 22 वर्षों के इतिहास में तमाम आईएएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। उनकी विभिन्न एजेंसियों ने जांच भी की है। लेकिन, यह पहला मौका है जब कोई आईएएस गिरफ्तार हुआ और फिर उसे जेल भेजा गया।