देहरादून: आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रामविलास यादव को बुधवार देर रात आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले धामी सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। निलंबित के आदेश के बाद विजिलेंस अधिकारी मामले की जांच करने के लिए उनसे पूछताछ करने पहुंचे थे।
विजिलेंस अधिकारियों ने उनसे करीब सात घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उनके दस्तावेज का सत्यापन किया गया और तकरीबन 100 से अधिक सवाल किए गए। कुछ पर यादव चुप्पी साध गए तो कुछ पर टीम को बातों में उलझाने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आए आईएएस रामविलास यादव के खिलाफ विजिलेंस ने ढाई साल पहले खुली जांच शुरू की थी।
आपको बता दें कि 30 जून को रिटायर होने वाले आईएएस अफसर रामविलास यादव का साथ उनके सियासी आकाओं ने छोड़ दिया है। पिछले दिनों राम विलास यादव के देहरादून और लखनऊ के कई ठिकानों पर विजिलेंस ने एक छापेमारी की कारवाई भी की थी। आय से 500 गुना ज्यादा संपत्ति एकत्र करने के मामले में विजिलेंस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और इसकी जांच चल रही है। विजिलेंस के छापे में तमाम संपत्तियों का खुलासा भी हुआ है।
आपको बता दें कि दो दिन पहले ही उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक के मामले पर सुनवाई की और विजिलेंस के सामने पेश होने को कहा था। अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 जून को आज होनी थी लेकिन उससे पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।