दिल्लीः वर्ष 2022 सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक इतिहास में अलग तरीके से दर्ज होने वाला है। यह पहला मौका होगा जब देश की सर्वोच्च अदालत तीन माह में तीन मुख्य न्यायाधीश देखेगी। इससे पहले 1991 में ही ऐसा हुआ था। सेवानिवृत्त के मामले में जस्टिस विनीत शरण 10 मई को रिटायर होंगे, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एएम खानविल्कर 7 जून तथा 29 जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे। मुख्य न्यायाधीश रमना 26 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे। जस्टिस इंदिरा बनर्जी 23 सितंबर को रिटायर होंगी। इससे सुप्रीम कोर्ट में महिला जजों की संख्या घटकर तीन रह जाएगी। इसके बाद जस्टिस हेमंत गुप्ता 16 अक्तूबर को अपना कार्यालय छोड़ेगे। वरिष्ठता नियमों के अनुसार जस्टिस ललित, जस्टिस रमना के बाद मुख्य न्यायाधीश पद संभालेंगे और 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ मुख्य न्यायाधीश बनेंगे और वह 10 नवंबर, 2024 तक पूरे दो वर्ष देश के मुख्य न्यायाधीश रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस का कोई न्यूनतम कार्यकाल निर्धारित नहीं है। जज वरिष्ठता के आधार पर इस पद तक पहुंचते हैं और 65 साल की उम्र पूरा होने तक रहते हैं. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल मानते हैं कि हर सुप्रीम कोर्ट के हर चीफ जस्टिस का कार्यकाल कम से कम 3 साल तय किया जाना चाहिए। इससे उन्हें न्यायिक और प्रशासनिक मुद्दों को समझने और केसों के अंबार से निपटने की समस्या को सुलझाने का वक्त मिल सकेगा. वह कहते हैं कि सीजेआई का 3 साल का कार्यकाल कॉलेजियम के स्तर पर ही सुनिश्चित किया जा सकता है।