ज्योतिष में शनि और देवगुरु बृहस्पति को महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। इस समय शनि मकर राशि में विराजमान हैं। देवगुरु बृहस्पति भी 14 सितंबर को मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। देवगुरु बृहस्पति इस राशि में 21 नवंबर तक विराजमान रहेंगे। देवगुरु बृहस्पति और शनि के एक ही राशि में आने से शुभ योग बन रहा है। इस शुभ योग के निर्माण से कुछ राशियों को फायदा होने जा रहा है। इन राशियों पर कुछ समय तक मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहेगी।
- मेष राशि के लिए गुरु और शनि का ही राशि में आना शुभ कहा जा सकता है।
- मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक पक्ष मजबूत होगा।
- नौकरी और व्यापार में तरक्की करेंगे।
- स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
- मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में वृद्दि होगी।
- कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे।
- आपके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना होगी।
- वृष राशि के जातकों के लिए गुरु और शनि का एक ही राशि में आना किसी वरदान से कम नहीं कहा जा सकता है।
- धन- लाभ होगा।
- मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहेगी।
- नौकरी और व्यापार के लिए समय शुभ है।
- निवेश करने से लाभ होगा।
- कार्यों में सफलता मिलेगी।