टिहरी: उत्तराखंड के नई टिहरी वरिष्ठ कोषाधिकारी कार्यालय में 2 करोड़ 21 लाख रुपये के गबन करने वाले अधिकारी गिरफ्तार हो गए हैं। टिहरी पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए करोड़ों रुपए गबन करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
टिहरी पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जगदीश चंद्र (कोषाधिकारी) ₹5,13,542/-, विनय कुमार चौधरी (लेखाकार) ₹ 1,19,68,579/-, सोहबत सिंह (पीआरडी, नरेंद्रनगर कोषागार) ₹ 23,46,748/, कल्पेश भट्ट (क्लर्क, पशुपालन विभाग नरेंद्रनगर) ₹ 26,54,302/, रणजीत कुमार ₹ 1,39,325/ रुपए का गबन किया है।
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि हम लोग ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है, फिर हम लोग ई-पोर्टल में उनके GRD नंबर पर उन्हें जीवित दर्शा कर उनके खातों तथा नाम को कूटरचना कर अपने परिचितों का खाता नंबर/ नाम आदि डाल देते थे तथा रुपया अपने परिचितों के खाते में ले लेते थे। इसके बाद अपने परिचितों को कमीशन के रूप में कुछ रुपये देकर बाकी सारे रुपये वापस ले लेते थे तथा इस प्रकार एक षड्यंत्र के तहत धोखाधड़ी करने की नियत से कूटरचना एवं फर्जीवाड़ा कर स्वयं के लिए अनैतिक लाभ अर्जित करते थे।
आपको बता दें टिहरी कोषागार में पिछले काफी समय से पेंशनरों की पेंशन और अन्य मामलों में गबन का खेल चल रहा था। लेकिन, अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। इसका खुलासा तब हुआ जब नैनीताल ट्रेजरी में घपला सामने आने पर उत्तराखंड पेंशन एवं हकदारी निदेशालय देहरादून ने टिहरी कोषागार में भी जांच कराने के निर्देश जारी किए थे। जांच आने पर पेंशन प्रकरण देख रहे कैशियर जयप्रकाश शाह और यशपाल सिंह नेगी 25 दिसंबर से अचानक गायब हो गए थे। तबसे आरोपियों की तलाश करती जा रही थी। अधिकारियों के विरुद्ध 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये के गबन का आरोप था।