देहरादून: ग्राफिक एरा में विशेषज्ञों ने डायबिटीज के कारणों, शुरुआती लक्षणों और दीर्घकालिक प्रभावों की जानकारी साझा की। उन्होंने समय पर जांच, संतुलित पोषण और जीवन शैली में सुधार को इसके रोकथाम के मुख्य उपाय बताया।
आज ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी में वल्र्ड डायबिटीज वीक के तहत हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया। ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज के डायबिटीज डिपार्टमेंट के डायरेक्टर और डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. सुनील कुमार मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य पर किया गया निवेश जीवन का सबसे लाभकारी निवेश हैं। उन्होंने असंतुलित आहार, निष्क्रिय दिनचर्या, तनाव और अव्यवस्थित जीवन शैली आदि को डायबिटीज के प्रमुख कारण बताते हुए जोर दिया की इन्हीं आदतों में छोटे-छोटे सुधार ही हमारे सबसे बड़ी सुरक्षा बन सकते हैं। डॉ. मिश्रा ने कहा कि समय रहते जागरूकता और नियमित जांच न केवल रोग को नियंत्रित रखते हैं बल्कि इसकी शुरुआत को भी रोक सकते हैं।
ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज की सीनियर डायबिटीज एजुकेटर श्वेता सिंह ने कहा कि डायबिटीज अब उम्रदराजों की बीमारी नहीं रही, इसकी दस्तक अब युवाओं और बच्चों तक भी पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज के रोकथाम में जीवन शैली में लाया हुआ परिवर्तन किसी दवाई का विकल्प नहीं बल्कि दवाई से पहले आने वाला समाधान है।
हेल्थ कैंप में 250 से अधिक शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और स्टाफ की बीएमआई, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर जैसी महत्वपूर्ण जांच की गई और विशेषज्ञों द्वारा व्यक्तिगत स्वास्थ्य परामर्श भी दिया गया। प्रतिभागियों ने न केवल अपनी स्वास्थ्य स्थिति का आकलन किया बल्कि डायबिटीज सहित अन्य बीमारियों से बचाव के लिए उपयोगी और व्यावहारिक मार्गदर्शन भी प्राप्त किया।
इस कैंप का आयोजन ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ बायोसाइंसेज और ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज ने संयुक्त रूप से किया। कैंप में बायोसाइंसेज डिपार्टमेंट की हेड डा. मनु पंत के साथ डा. कुमुद पंत, डा. नेहा पांडे, डा. डी. पी. सिंह अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।