अतिवृष्टि से 211 करोड़ से अधिक का अनुमानित नुकसान

  • जिलाधिकारी ने आपदा और पुनर्स्थापना कार्यों की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की

देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट में आपदा से हुई क्षति एवं पुनर्स्थापना कार्यों की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। 15 सितम्बर की रात्रि को हुई अतिवृष्टि से जनपद में अब तक लगभग 211 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित क्षति आंकी गई है, हालांकि आंकलन कार्य अभी जारी है।

डीएम ने बताया कि वे स्वयं सभी आपदाग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं तथा राहत एवं बचाव कार्यों के बाद अब नुकसान की गणना कराई जा रही है। उन्होंने सीडीओ, एसडीएम, अधीक्षण अभियंताओं, कृषि, पशुपालन एवं उद्यान अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि बिजली, सड़क, पेयजल की त्वरित बहाली और घर, खेत व फसल के नुकसान का शीघ्र मुआवज़ा प्रशासन की प्राथमिकता है। प्रत्येक प्रभावित को राहत पहुँचाना प्रशासन का दायित्व है। इसके लिए सभी क्षेत्रों में वरिष्ठ QRT टीमें तैनात की गई हैं। सहस्त्रधारा, मझाड़ (कार्लीगाड), भीतरली किमाड़ी, सिरोना-फुलेत सहित अन्य क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने विभागों को निर्देशित किया कि बजट का इंतजार किए बिना प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल व्यवस्थाएं बनाई जाएं तथा शासन को शीघ्र प्रस्ताव भेजे जाएं। लोनिवि और पीएमजीएसवाई को युद्धस्तर पर संपर्क विहीन गांवों की कनेक्टिविटी बहाल करने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने पेयजल, विद्युत, सिंचाई, स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यक सेवाओं की बहाली हेतु प्रतिदिन मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि सभी विभाग संयुक्त सर्वे कर भवन, कृषि, उद्यान एवं पशु हानि का आंकलन करें और हैण्ड-टू-हैण्ड मुआवज़ा वितरण सुनिश्चित करें।

जनपद में अब तक दर्ज प्रमुख क्षति में – लोनिवि के 13 पुल व अन्य संरचनाएं (46 करोड़), एनएचआई पुल (13.46 करोड़), पेयजल निगम (18.23 करोड़), जल संस्थान (13.31 करोड़), सिंचाई विभाग (64.50 करोड़), विद्युत (10.63 करोड़), शिक्षा (4.18 करोड़), ग्रामीण विकास (4.15 करोड़), पीएमजीएसवाई (26.38 करोड़), स्वास्थ्य (35 लाख), कृषि (54 लाख), उद्यान (8.78 लाख) सहित विभिन्न विभागों को कुल 211 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, एडीएम वित्त एवं राजस्व के.के. मिश्रा सहित सिंचाई, लोनिवि, यूपीसीएल, जल संस्थान, पीएमजीएसवाई तथा अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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