नशा मुक्त उत्तराखंड की ओर तेज़ कदम, अवैध केंद्रों पर होगी कठोर कार्रवाई

  • जिलों में गठित होंगी निरीक्षण टीमें, बिना पंजीकरण के चल रहे केंद्र होंगे बंद

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार प्रदेश को नशे से मुक्त करने के अपने संकल्प को साकार करने के लिए पूरी तरह जुट गई है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए।

बैठक में तय किया गया कि प्रदेश में संचालित सभी नशा मुक्ति केंद्रों की कड़ी निगरानी की जाएगी। जिन केंद्रों का पंजीकरण नहीं है या जो तय मानकों पर खरे नहीं उतरते, उन्हें चिन्हित कर तुरंत बंद कराया जाएगा और आर्थिक दंड सहित कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसिक स्वास्थ्य देखरेख अधिनियम 2017 के तहत जिलास्तरीय निरीक्षण टीमें अविलंब गठित की जाएं। ये टीमें हर केंद्र की गहन जांच करेंगी। डॉ. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में किसी भी अवैध या अपंजीकृत केंद्र को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ‘नशा मुक्त उत्तराखंड’ केवल एक सरकारी अभियान नहीं बल्कि एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। इसके लिए समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। सचिव स्वास्थ्य ने सभी संबंधित विभागों और जनता से इस मुहिम में सहयोग की अपील भी की।

बैठक में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने, अधिनियम 2017 के प्रभावी क्रियान्वयन और प्राधिकरण को और अधिक सशक्त, पारदर्शी व उत्तरदायी बनाने पर भी जोर दिया गया। बैठक में महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शिखा जंगपांगी, संयुक्त निदेशक डॉ. सुमित बरमन, सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

 




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