देश के पहले चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका की पार्थिव देह को एक ही चिता पर अंतिम विदाई दी गई। दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर पर उनकी दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी रावत ने उन्हें मुखाग्नि दी। जीवन यात्रा की तरह जनरल रावत की अंतिम यात्रा भी अभूतपूर्व रही। जिस पत्नी के साथ अग्नि के सात फेरे लिए थे, मुखाग्नि तक उसके साथ रहे।
जनरल रावत की अंतिम यात्रा भावुक कर देने वाली रही। सेना के किसी सर्वोच्च अफसर की अंतिम यात्रा के लिए शायद ही कभी ऐसी भीड़ उमड़ी हो। पूरे रास्ते पर लोगों ने फूल बरसाए और शव वाहन के साथ-साथ तिरंगा लेकर दौड़े। नारे लगाते रहे, जनरल बिपिन रावत अमर रहें। अंतिम संस्कार के दौरान भी आर्मी कैंट भारत माता की जय के नारों से गूंजता रहा।
तीनों सेनाध्यक्षों और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जनरल रावत को अंतिम श्रद्धांजलि दी। उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई और इस दौरान 800 मिलिट्री पर्सनल मौजूद थे। वही आज सुबह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जनरल रावत को श्रद्धांजलि दी। जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल समेत केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य जनरल रावत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना में बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में उनकी पत्नी मधुलिका रावत की भी मौत हो गई थी।