विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बन्द होंगे

देहरादून: दशहरे के पावन पर्व पर बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि का ऐलान हो गया है। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आज 12 अक्टूबर को विजय दशमी के अवसर पर बताया कि पंचाग गणना के बाद कपाट बंद होने की तिथि और समय निर्धारित किया गया। इस वर्ष बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को रात 9 बजकर 7 मिनट पर बंद होंगे।

कपाट बंद होने के बाद शीतकाल के दौरान भगवान बद्रीनाथ योग-ध्यान बद्री में दर्शन देंगे। योग-ध्यान बद्री, पंच बद्रियों में से एक है, और चमोली जिले में समुद्रतल से 1920 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना पांडवों के पिता राजा पांडु ने की थी। शीतकाल में जब बदरीनाथ क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है, तब भगवान के दर्शन योग-ध्यान बद्री में होते हैं।

इस वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ धाम के दर्शन किए। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अनुसार, अभी तक 11 लाख से अधिक तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुंचे हैं। वहीं, 13.5 लाख से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। सरकार और मंदिर समिति ने तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की हैं, जिससे यात्रा सुगम रही।

द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट  20   नवंबर व  तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट  4 नवंबर को बंद होंगे

उखीमठ/ मक्कूमठ: पंचकेदार  में प्रतिष्ठित द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर  मंदिर के कपाट 20 नवंबर को शुभ लग्नानुसार प्रात काल को बंद होंगे। तथा तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट सोमवार  4 नवंबर  पूर्वाह्न 11 बजे बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद श्री मद्महेश्वर भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।
तथा  23 नवंबर को मद्महेश्वर मेला आयोजित होगा।

श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने की तिथि  पंचकेदार गद्दस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मर्केटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में   आज शनिवार 12 अक्टूबर दशहरे के शुभ अवसर पर पंचांग  गणना पश्चात घोषित हुई ,तथा  मद्महेश्वर मेला तथा देव डोलियों के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने का कार्यक्रम भी घोषित हो गया।

श्री मद्महेश्वर जी के कपाट बंद होने के बाद  भगवान मद्महेश्वर जी की चल विग्रह डोली 20 नवंबर  को  प्रथम पड़ाव गौडार गांव  21 नवंबर को दूसरे  पड़ाव रांसी  22 नवंबर  गिरिया तथा 23 श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। शनिवार 23 नवंबर को श्री मद्महेश्वर मेला संपन्न होगा।
कपाट बंद होने की तिथि तय करने के अवसर पर पुजारी बागेश लिंग, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, नवीन मैठाणी,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण, प्रशासनिक अधिकारी रमेश नेगी, देवानंद  गैरोला,  जेई सूरज मलासी,नवीन शैव,वर्ध जमलोकी, सत्यप्रसाद सेमवाल, शंकर स्वामी, पंच गौंडार से मदन पंवार ( भंडारी) ब्राह्मण खोली पंडितगण सहित पंचगाई हक हकूहकधारी आदि मौजूद रहे।

इसी तरह तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट   तुला लग्न में सोमवार 4 नवंबर पूर्वाह्न   11 बजे को बंद होंगे।

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