मुर्दाघर के फ्रीजर में 7 घंटे से रखा था शव, अचानक जिंदा हो उठा शख्स तो डॉक्टरों के उड़े होश

मुरादाबाद : भगवान की मर्जी के बिना एक पत्ता भी हिल नहीं सकता है। नगर निगम कर्मचारी श्रीकेश के साथ भी ऐसा ही मामला हुआ। तेज रफ्तार में गाड़ी चला रहे एक शख्स ने सड़क पर जा रहे श्रीकेश कुमार को जोरदार टक्कर मार दी। बीते गुरुवार की रात को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके अगले दिन अस्पताल के कर्मचारियों ने शव को फ्रीजर में रख दिया, करीब 7 घंटे के बाद एक ऐसी घटना हुई जिसके बाद सभी हैरान रह रहे गए।

पुलिस ने जानकारी दी कि फ्रीजर में शव को करीब 7 घंटे तक रखे जाने के बाद, जब परिवार से शव को हैंडओवर करने की बात चल रही थी तभी शरीर में हलचल हुई, इसके बाद डॉक्टर्स की टीम ने शव की जांच की तो पता चला कि वह शख्स जिंदा है, फिर उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।

जानिए पूरा घटनाक्रम-

गुरुवार 18 नवंबर की शाम मुरादाबाद नगर निगम कर्मचारी श्रीकेश दूध लेने के लिए मझोला के मंडी समिति में निकले थे। रास्ते मे बाइक की टक्कर लगने से घायल हो गए, सिर में चोट आने पर स्वजन दिल्ली रोड स्थित साईं अस्पताल ले गए। वहां से ब्राइट स्टार अस्पताल, कांठ रोड के एशियन विवेकानंद अस्पताल से भी बारी-बारी मृत बताकर रेफर कर दिया गया था। यहां के डाक्टरों ने जिला अस्पताल भिजवा दिया। स्वजन उन्हें लेकर इमरजेंसी में रात तीन बजे पहुंचे थे। यहां चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज यादव ने बिना हाथ लगाए ही उन्हें मृत घोषित कर शवगृह भिजवा दिया था। सुबह साढ़े 10 बजे तक ठंड में शवगृह की स्लैब पर ही पड़े रहे थे। अब उनका इलाज मेरठ मेडिकल कालेज में हो रहा है। आक्रोशित परिजन डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की बात कही है।

 

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