देहरादून: ग्राफिक एरा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने वैश्विक स्तर पर हो रहे तकनीकी परिवर्तनों पर जानकारी साझा की।
यह सम्मेलन ’एडवासेंज इन मैनेजमेण्ट एण्ड टेक्नोलाजी’ विषय पर आयोजित किया गया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिन्दर सिंह ने कहा कि बदलते तकनीकी दौर में जलवायु परिवर्तन एक बढ़ी समस्या बनता जा रहा है। इससे निपटने के लिए जरूरी है कि सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट अपनाया जाए। साथ ही उन्होंने इफैक्टिव मार्केटिंग के लिए ग्राहकों की समस्याओं और उनकी जरूरतों को जानना आवश्यक बताया।
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. संजय जसोला ने कहा कि आज के डिजिटल युग में जहां एआई और चैट जीपीटी जैसी तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है ऐसे में जरूरी है कि तकनीकी उपकरणों और नये प्रोग्रामों को सीखा जाये। सम्मेलन में यूनीवर्सिटी आॅफ एप्लाइड सांइस फुल्डा जर्मनी के प्रोफेसर लुट्ज ने आॅन लाइन माध्यम से जुड़ कर सस्टेनेबिलिटी को बढ़ाने की बात कही। उन्हांेने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि सिमित प्राकृतिक संसाधनों का इस तरह से उपयोग करें कि ताकि भविष्य में वो समाप्त न हो। उन्होंने कस्टमर रिलेशनशिप पर भी प्रकाश डाला। आईआईटी दिल्ली के डा. हरीश चैधरी ने युवाओं को तकनीकों पर हद से ज्यादा अधीन न होने की सीख दी। उन्होंने कहा कि अगर इंसान भी कम्प्युटर की तरह सोचने लगेगा तो यहा विनाशकारी होगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीकों का उपयोग केवल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ही नहीं बल्कि जीव-जन्तुओं के जीवन को बचाने के लिए भी करना होगा। दो दिवसीय इस सम्मेलन के पहले दिन आज 40 से ज्यादा प्रेजेन्टेशन दी गई।
सम्मेलन का आयोजन डिपार्टमेण्ट आॅफ मैनेजमेण्ट स्टडीज ने किया। सम्मेलन में मैनेजमेण्ट स्टडीज के एचओडी डा. सचिन घई, संयोजक डा. मनु शर्मा, सह-संयोजक दीपक कौशल, डा. एम. पी. सिंह, पीएचडी स्कालर और छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे।