ध्यान दें: ऐसे हो सकता है आपके साथ फ्रॉड, साइबर एडवाइजरी जारी

  • साइबर एडवाइजरी, स्पेशल टास्क फोर्स, उत्तराखंड पुलिस

देहरादून: साइबर क्राइम याने को FedEx पार्सल / ग्राहक पार्सल से संबंधित कई साइबर शिकायत मिल रही है, जहां लोग डॉक्टरों को डराया जा रहा है। इस प्रक्रिया में लोगों को धमकी दी जाती है कि पार्सल में इस अवैध कटेटपासपोर्ट आदि प्राप्त किया गया और पीडित लाखो दे रहे है। साइबर थाना देहरादून (एसटीएफ) पहले भी कई नाइजीरियन/ कैमरून नागरिको को 2021/22 में जेल भेज चुका है और इस साल सीसीपीएस देहरादून की टीम (भारत मै अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में से एक) द्वारा 08 नाइजीरियन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई।

अपराध का तरीका:

1- पीड़ितों को फेसबुक / इंस्टाग्राम पर विदेशी नागरिकों के अज्ञात मित्र अनुरोध पर

आते है जहां वे Honey trap के शिकार होते हैं और आभूषण आयात-निर्यात सामान के साथ एक पार्सल भेजने का आपराधिक वादा करते हैं। या 1. पीड़ित को एक अज्ञात नंबर से एक व्हाट्सएप संदेश या कॉल मिलता है जिसमें

कहा गया है कि वे किसी हवाई अड्डे / आपवासन चेक पोस्ट से कॉल कर रहे हैं। 2. आपराधिक धमकी है कि कुछ FedEx पार्सल या कस्टम पार्सल जब्त किया गया। 3. दिए गए पार्सल में पीड़िता के नाम पर कुछ अवैध सामग्री है जैसे इस या

नकली पासपोर्ट वीजा या कोई अन्य दस्तावेज 4. कस्टम / इमिग्रेशन चेक पोस्ट ने मामला दर्ज करने वाली पुलिस को कटेंट/पार्सल सौंप दिया है। 5. विक्टिम को उनके केस लड़ने के लिए कानूनी सहायता की कहानियां सुनाई जाती

हैं और फर्जी सरकारी नोटिस भी भेजे जाते हैं। 6. पीड़ित इस तरह की ठगी में लाखों से लेकर करोड़ों तक का भुगतान करता है।

जागरुकता के टिप्स

  1. कृपया अज्ञात मित्र अनुरोध स्वीकार न करें। (reject unknown friend request)
  2. आपको उपहार / पार्सल भेजने का वादा करने वाले किसी भी अज्ञात नंबर पर भरोसा

न करें।

  1. यदि कॉलर आपको बताता है कि वह FedEx / कूरियर सेवा हवाई अड्डे से कॉल रहा है तो घबराएं नहीं।
  2. फोन करने वाले का कहना है कि कुछ पार्सल पकड़ा गया तो घबराएं नहीं। 5. कानूनी सहायता के नाम पर पैसा न भेजें।
  3. सोशल मीडिया मैसेजर्स पर किसी भी अज्ञात के साथ अपने व्यक्तिगत पहचान दस्तावेजो

को साझा न करें।

  1. अगर कोई धमकी देने की कोशिश करता है तो तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें।

नोट- मैक्स अस्पताल, एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा कई शिकायतें दर्ज की गई थीं।

कोई भी साइबर अपराध शिकायत एनसीआरपी पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) द्वितीय धोखाधड़ी शिकायत- 1930

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