देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाले में 228 पदों को निरस्त करने के बाद नौकरी से निकाले गए कर्मियों ने विधानसभा के बाहर धरना दिया। कर्मियों की मांग है कि या तो उन्हें वापस नियुक्ति दी जाए वरना उन सभी भर्तियों को भी निरस्त किया जाए जो 2016 से पहले हुई हैं। इस दौरान कर्मियों के आंसू भी छलक पड़े।
उत्तराखंड क्रांति दल ने भी इन कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन दिया। प्रदर्शन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण ने एकतरफा कार्रवाई की है। यदि विधानसभा अध्यक्ष सही है तो विधानसभा में अबतक हुई सभी भर्तियों की जांच करें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें या फिर बर्खास्त हुए हम सभी कर्मचारियों को भी पुनः नियुक्ति दे।
वहीं उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी मांगों को नहीं माना तो जल्द ही उग्र आंदोलन किया जाएगा। आपको बता दे की विधानसभा में बैकडोर से हुई भर्तियों पर सवाल उठने के बाद विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण ने 3 सितंबर 2022 को पूर्व आईएएस अधिकारी डीके कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्य विशेषज्ञ जांच समिति का गठन किया था। जांच समिति ने राज्य गठन से 2021 तक तदर्थ आधार पर की गईं नियुक्तियों की जांच कर 20 दिन के भीतर 22 सितंबर 2022 को विधानसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंप दी थी। समिति ने जांच में पाया कि तदर्थ आधार पर नियुक्तियां नियम विरुद्ध की गई हैं। समिति की रिपोर्ट पर विधानसभा अध्यक्ष ने 23 सितंबर को तत्काल प्रभाव से 2016 से 2021 तक की गईं कुल 228 नियुक्तियां को रद्द कर कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।