ऋषिकेश: अंकिता हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। हत्या के मामले में एसआईटी से सामने पुलकित ने सारी सच्चाई उगली है। अंकिता ने 28 अगस्त को इंटरनेट पर विज्ञापन देखने के बाद वनन्तरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर ज्वॉइनिंग की थी।
झगड़े में अंकिता ने पुलकित का मोबाइल फेंक दिया था। इसके बाद उसने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया।’ पुलकित की यह कहानी पुलिस के टेक्निकल एक्सपर्ट के आगे फेल हो गई। एक्सपर्ट ने पाया कि उसका मोबाइल अगले दिन स्विच ऑफ हुआ था।
सूत्रों के अनुसार, पुलकित ने पुलिस को बताया कि उसने हत्या के अगले दिन मोबाइल नहर में फेंका था ताकि अपनी कहानी सिद्ध कर सके। पुलिस दो दिनों से पुुुलकित और उसके दोस्तों से पूछताछ कर रही है।अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अब साफ होने लगा है कि पुलकित ने सोची-समझी साजिश के तहत अंकिता की हत्या की थी।
18 सितंबर को नहर में धक्का देकर अंकिता की हत्या को उसने दुर्घटना दर्शाने के लिए मोबाइल को आधार बनाया था।मगर, पुलिस के टेक्निकल एक्सपर्ट की जांच में पता चला कि उसका मोबाइल अगले दिन दोपहर में बंद हुआ था। वह दूसरे मोबाइल पर व्हॉट्सएप चला रहा था। शनिवार को एसआईटी के साथ पुलिस की टेक्निकल एक्सपर्ट की टीम भी मौजूद थी।उसने पुलकित को सामने बैठाकर इस बात के प्रमाण दिखाए। सूत्रों के मुताबिक, वह कभी हां तो कभी ना करता रहा। लेकिन, बाद में बताया कि अंकिता की हत्या करने के बाद जब वापस आया तो कोई कहानी बुननी थी ताकि यह हादसा लगे।
ऐसे में मोबाइल अगले दिन नहर में फेंक दिया था। यही कारण है कि मोबाइल पर 19 सितंबर को भी घंटी जा रही थी।सूत्रों के मुताबिक, उसे इस बात की जानकारी भी थी कि जांच हुई तो वह सीसीटीवी फुटेज में आ सकता है। वह मोबाइल को उसी स्थान पर फेंकना चाहता था, जहां अंकिता को धक्का दिया।
सीसीटीवी से बचने के लिए उसने दूसरा रास्ता चुना। मगर, बिना सीसीटीवी में आए वह इस जगह पर नहीं पहुंच सकता था। ऐसे में वह जंगल के रास्ते नहर तक पहुंचा और वहां मोबाइल फेंक दिया। मगर, यह स्थान भी उसी टावर लोकेशन में था, जिसमें घटनास्थल है।