देहरादून: साल 2015 में हुई दरोगा भर्ती प्रक्रिया में जांच शुरू हो गई है। ऐसे में घपलेबाजी कर साल 2015 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हुए दरोगाओं की अब मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरोगा भर्ती के मामले में विजलेंस ने शासन से केस दर्ज कराने की इजाजत मांगी। माना जा रहा है कि भर्ती में कुमाऊं में कई दरोगा हैं जो विजलेंस के राडार पर हैं। मामले की जांच कुमाऊं विजलेंस कर रही है।
एसपी विजिलेंस प्रह्लाद नारायण मीणा का कहना है कि शासन से उन्हें विजिलेंस जांच किए जाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं और प्राथमिक जांच में गड़बड़ी मिली है। लिहाजा केस दर्ज करने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद धीरे-धीरे जांच में उन सभी दारोगाओं के नाम आएंगे, जो गलत तरीके से भर्ती हुए हैं।
बता दें कि 2015 में 339 पदों पर दारोगा की भर्ती हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस भर्ती की गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद इसकी जांच शासन द्वारा विजिलेंस को सौंपी गई थी, जिसकी शुरुआती जांच अब कुमाऊं विजिलेंस टीम ने शुरू कर दी है। लिहाजा जल्द 2015 में गड़बड़ी कर भर्ती हुए दारोगाओं की गिरफ्तारी हो सकती है।