देहरादून : चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रदेश में डेंगू की रोकथाम के लिये विभागीय अधिकारियों को प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि माह अक्टूबर तक का समय डेंगू संक्रमण के लिये काफी संवेदनशील है। जिसको देखते हुये प्रत्येक स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग की नितांत आवश्यकता है। प्रधानमंत्री टीबी उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेश में नि-क्षय मित्र बनाने के अभियान में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर टीबी उन्मूलन अभियान की हर सप्ताह समीक्षा की जायेगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने आज सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान एवं डेंगू की रोकथाम को लेकर विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज विभाग एवं सहकारिता विभाग के उच्चाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। डॉ. रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश में अब तक करीब 650 डेंगू के मामले सामने आये हैं, जिनमें से अधिकतर देहरादून व हरिद्वार जनपदों में हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को डेंगू के संक्रमण की रोकथाम के लिये प्रभावी कदम उठाने व संभावित क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिये कि चिन्हित डेंगू मरीजों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाये। टीबी मुक्त अभियान की समीक्षा करते हुये विभागीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में करीब 15200 चिन्हित टीबी मरीजों को आगामी 02 अक्टूबर तक नि-क्षय मित्रों द्वारा गोद लिया जाना है। भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पंचायतीराज विभाग व सहकारिता विभाग को टीबी मरीजों को 01 से 03 वर्ष तक गोद लेकर अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भागीदारी निभानी है।
इसके अलावा औद्योगिक संस्थान, एनजीओ, शिक्षण संस्थान, राजनीतिक दल व व्यक्ति विशेष भी नि-क्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के उपचार में भागीदार बन सकते हैं। बैठक में सचिव सहकारिता डॉ. बी0वी0आर0सी0 पुरूषोत्तम ने कहा कि सहकारिता विभाग के अंतर्गत सभी 670 पैक्स समितियां एवं 350 सहकारी बैंक व वह स्वयं तथा विभागीय अधिकारी नि-क्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के उपचार में भगीदारी सुनिश्चित करेंगे। इसके लिये उन्होंने शीघ्र ही विभागीय बैठक का आयोजन कर सभी समितियों व सहकारी बैंकों को निर्देश जारी करने की बात कही। बैठक में निदेशक पंचायतीराज विभाग बंशीधर तिवारी ने कहा कि टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान में विभाग के अंतर्गत सभी जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, जेष्ठ उप प्रमुख तथा ग्राम प्रधान स्वैच्छिक रूप से एक-एक टीबी मरीजों को गोद लेंगे।