देहरादून / उत्तराखंड सरकार में तबादला आदेश नहीं मानने वाले चार पीसीएस अफसरों को शासन ने चार्जशीट कर दिया है। इन सभी अफसरों को तबादला आदेश के अनुसार सम्बंधित जिला अधिकारी ने रिलीव कर दिया था। लेकिन चारों अधिकारियों ने नई तैनाती स्थल पर ज्वाइन नहीं किया। मुख्य सचिव एसएस संधू ने आदेश की नाफरमानी करने वाले अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। डिप्टी कलेक्टर स्मृता परमार, गोपाल चौहान, अजयवीर सिंह और सुन्दर सिंह को चार्जशीट कर तीन दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर शासन अनुशानात्मक कार्रवाई कर सकता है। आपको बता दे की सचिवालय, पुलिस मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालयों में तैनात अफसरों को शायद प्रदेश सरकार का खौफ नहीं रहा। तभी तो 10 दिन बीत जाने के बाद भी कई अफसरों ने तबादला आदेश पर अपनी कुर्सियां नहीं छोड़ी हैं। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू को अब ऐसे अफसरों के खिलाफ अनुशासनहीनता के मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया है। शासन ने चार सितंबर को 20 आईपीएस, 64 आईएएस व पीसीएस अफसरों का तबादला कर दिया था। सरकार के इस सख्त रुख बावजूद कई अफसरों ने अपनी कुर्सियां नहीं छोड़ी। कई नई तैनाती पर नहीं गए। कुछ ने चिकित्सा अवकाश ले लिया। ट्रांसफर आदेश न मानने वाले अधिकारियों के रवैये से नाराज मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने सचिव कार्मिक को निर्देश जारी किए। उन्होंने चार सितंबर को तबादला आदेश का जिन अफसरों ने अभी तक अनुपालन नहीं किया है, उनके खिलाफ अनुशासनहीनता एवं आचरण नियमावली के उल्लंघन करने के लिए तत्काल विभागीय कार्रवाई करने को कहा गया, साथ ही मेडिकल प्रमाणपत्रों की जांच के निर्देश दिए हैं, मुख्य सचिव ने उन अधिकारियों के चिकित्सा प्रमाणपत्रों का परीक्षण और सत्यापन चिकित्सा बोर्ड से कराने के निर्देश दिए जो तबादला आदेश के बाद चिकित्सा अवकाश पर चले गए। मुख्य सचिव ने सचिव कार्मिक से कहा कि यदि किसी चिकित्सक ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया हो तो उस चिकित्सक के खिलाफ भी चिकित्सा विभाग को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए लिखा जाए।