देहरादून: राफ्टिंग जैसी मजेदार एक्टिविटी का अनुभव लेना चाहते हैं तो ऋषिकेश चले आईए, दुनिया भर के लोग राफ्टिंग का स्वाद लेने के लिए ऋषिकेश आते हैं। पिछले कुछ सालों में ऋषिकेश रिवर राफ्टिंग के लिये पूरे उत्तर भारत में अपना नाम कमा चुका है। लेकिन कोरोना की मार के कारण लोग रिवर राफ्टिंग का लुत्फ नहीं उठा पा रहे थे। ऐसे में ऋषिकेश में राफ्टिंग का बेसब्री से इंतजार करने वाले लोगों के लिए एक खुशखबरी है। प्रशासन ने ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग का संचालन आज से शुरू कर दिया है। अब पर्यटक यहां गंगा में रोमांच के सफर कर सकेंगे। रविवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने इसकी शुरुआत कर दी है। ऋषिकेश में क्लब हाउस से राम झूला तक की राफ्टिंग की जाती है जो कि 9 किलोमीटर की दूरी तय करती है और इसका प्रति व्यक्ति रेट 600 है। ब्रह्मपुरी से रामझूला तक भी 600 प्रति व्यक्ति रेट है और यह भी 9 किलोमीटर की दूरी तय करती है। शिवपुरी से राम झूला तक 15 किलोमीटर की दूरी के हजार रुपए हर एक व्यक्ति से चार्ज किए जाते हैं। शिवपुरी से मरीन ड्राइव तक 10 किलोमीटर की राफ्टिंग में हर व्यक्ति से ₹600 चार्ज किए जाते हैं। कोडियाला से राम झूला तक 35 किलोमीटर की राफ्टिंग में 2500 चार्ज किए जाते हैं तो वही कोडियाला से शिवपुरी तक 20 किलोमीटर की राफ्टिंग में हर व्यक्ति से 1500 रुपए लिए जाते हैं। आपको बता दें कि कोडियाला से राम झूला तक तकरीबन 35 किलोमीटर के रास्ते में गंगा के सबसे अधिक खतरनाक और रोमांचक रैपिड पड़ाव पड़ते हैं और पर्यटक इनका खूब आनंद लेते हैं।
गौरतलब है कि ऋषिकेश में गंगा घाटी के कोडियाला मुनिकीरेती इको जोन में पिछले कई महीनों से राफ्टिंग का संचालन बंद है। अप्रैल और मई में कोरोना के चलते और उसके बाद जून से सितंबर तक मानसून के चलते रिवर राफ्टिंग का संचालन नहीं हो सका था। मगर अब बरसात के बाद नए सत्र में यानी आज से राफ्ट एक बार फिर से गंगा नदी में उतर गए हैं और लंबे समय के बाद पर्यटक राफ्टिंग का मजा ऋषिकेश में ले सकते हैं। यहां 280 राफ्टिंग कंपनियां हैं और 575 राफ्टों का संचालन उन कंपनियों के तहत किया जाता है और ऋषिकेश में राफ्टिंग से तकरीबन 20,000 से अधिक लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है। पीक सीजन में 1 महीने में यह कारोबार 50 से लेकर 60 लाख तक का हो जाता है। लेकिन बीते कुछ महीनों से राफ्टिंग बंद होने के कारण कारोबार काफी अधिक प्रभावित हुआ है। ऐसे में सभी कारोबारी अब उम्मीद कर रहे हैं कि ऋषिकेश में नए सत्र में पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ आए ताकि उनका कारोबार भी एक बार फिर से पटरी पर लौट सके।