उत्तराखंड से भी जुड़ी हैं बप्पी लहरी की सुनहरी यादें

उत्तराखंड: बॉलीवुड संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी का यूं जाना उत्तराखंड के मसूरी को गमगीन कर गया। शहर के संगीत प्रेमियों को अनायास ही 15 साल पहले का शरदोत्सव याद आ गया जिसमें पांच गाने गाकर बप्पी दा ने रंग जमा दिया था।
बात सन 2007 की है जब सिल्वर्टन के ग्राउंड में शरदोत्सव का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के इंवेट मैनेजर रहे रजत अग्रवाल ने बताया कि बप्पी लाहिड़ी अपने परिवार के साथ मसूरी आए थे।उन्होंने बताया बप्पी दा समय से पहले आए और बेहद आत्मीयता से सबसे मिले। उन्होंने किसी भी प्रशंसक को निराश नहीं किया।

शरदोत्सव में उन्होंने ‘याद आ रहा है तेरा प्यार’, ‘यार बिना चैन कहां रे’ और ‘तम्मा तम्मा लोगे’ सहित पांच हिट गीत गाए थे। उस वक्त सभासद रहे विनोद सेमवाल और रमेश भंडारी ने बताया उनके गाने सुनकर भीड़ बेकाबू हो गई थी। बड़ी मुश्किल से आयोजकों ने पुलिस-प्रशासन के सहयोग से व्यवस्था को संभाला।

उनके निधन से उत्तराखंड के संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोगों में शोक की लहर है। उत्तराखंड के संगीतकार संजय कुमोला, गायक जितेंद्र पंवार,कलाकार अनिल गोदियाल सहित कई लोगों ने बप्पी लाहिड़ी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
वहीं परिवार के सदस्यों ने उल्लेख किया कि अंतिम संस्कार आज होगा क्योंकि वह गायक के बेटे बप्पा लाहिड़ी के लॉस एंजिल्स से लौटने का इंतजार कर रहे हैं।बप्पी लाहिड़ी के परिवार में उनकी पत्नी चित्रानी, बेटी रीमा, जो एक गायिका भी हैं, और संगीतकार पुत्र बप्पा लाहिड़ी हैं।

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