अद्भुत चमत्कारों से भरा है “कैंची धाम”, जाने मात्र से संवर जाती है तकदीर

देश में कई ऐसे पावन तीर्थ हैं, जहां पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ जाने मात्र से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। ऐसा ही एक तीर्थ उत्तराखंड के नैनीताल जिले में है जो भुवाली से लगभग सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बाबा के  भक्त इसे “कैंची धाम” के नाम से जानते हैं। भक्तों का मानना है कि बाबा हनुमान जी के अवतार थे।  कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहां पर मांगी गयी मनोकामना पूर्णतया फलदायी होती है। देश-विदेश से हज़ारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। श्री हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले बाबा के इस पावन धाम पर पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है,  हर साल 15 जून को स्थापना दिवस के मौके पर एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। बाबा नीब करौरी ने आश्रम की स्थापना 1964 में की थी।

मान्यता है कि बाबा नीब करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। कहते हैं कि बाबा साधारण मानव की तरह रहते थे साथ ही बाबा अपना पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे श्री हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे।  बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के अनंत भक्त हैं। 

बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं। बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं।  हार्वर्ड के पूर्व प्रोफेसर रिचर्ड अल्पर्ट, बाबा के परम भक्त है प्रोफेसर रिचर्ड अल्पर्ट एक समय मे घातक नशे के आदी थे, लेकिन बाबा की शरण मे आकर बाबा ने इनकी नशे की आदत छुड़ाने के साथ ही उन्हें समाजसेवा की लत लगा दी और उन्हें रामदास नाम देकर समाजसेवा करने को कहा। तब से प्रोफेसर रिचर्ड अल्पर्ट, रामदास बनकर समाज सेवा के कार्य के साथ साथ बाबा नीम करौली महाराज जी के ज्ञान को समाज मे फैला रहे है।

 

बाबा नीब करौरी के इस पावन धाम में कई चमत्कार जुड़े हैं। कहते हैं कि एक बार भंडारे के दौरान कैंची धाम में घी की कमी पड़ गई थी। बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया। उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में बदल गया। ऐसे ही एक बार बाबा नीब करौरी महाराज ने अपने भक्त को गर्मी की तपती धूप में बचाने के लिए उसे बादल की छतरी बनाकर, उसे उसकी मंजिल तक पहुंचवाया। इस तरह के कई चमत्कार के किस्से बाबा और उनके पावन धाम से जुड़े हुए हैं

 

बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। उस मन्दिर में हनुमान की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं। यहां बाबा नीब करौरी की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है। बाबा नीब करौरी महाराज के देश-दुनिया में 108 आश्रम हैं। इन आश्रमों में सबसे बड़ा कैंची धाम तथा अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी स्थित टाउस आश्रम है। बाबा के चमत्कार की कहानियों को सुनकर हर साल लाखों लोग बाबा के धाम में हाजरी लगाने आते हैं। 

 

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